Back Pain: बैक पेन यानि की पीठ के निचले हिस्से में दर्द मौजूदा समय में युवाओं में काफी तेजी से हो रहा है। वहीं वृद्ध लोगों में यह एक प्रमुख बीमारी है। डॉक्टरों के अनुसार वयस्कों की तुलना में वृद्ध (60+ वर्ष की आयु) में ऑस्टियोपोरोटिक वर्टेब्रल फ्रैक्चर, ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी में संक्रमण ज्यादा होने की संभावना रहती है।

स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ और आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनन वोरा के अनुसार जैसे-जैसे आपकी रीढ़ की हड्डी बढ़ती है, तो दर्द शुरू हो जाता है। पीठ दर्द आपकी उम्र के साथ विकसित हो सकता है।

व्यायाम और फिजिकल थेरेपी

डॉक्टरों के अनुसार के नियमित रूप से व्यायाम और फिजिकल थेरेपी से बैक पेन को कम किया जा सकता है। इससे बैक पेन में काफी राहत भी होती है।

न बढ़ने दें शरीर का वजन

पीठ दर्द का एक बड़ा कारण शरीर का बढ़ा हुआ वजन भी है। बढ़े हुए वजन के कारण पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा हो जाता है, जो बैक पेन का कारण बन जाता है। ऐसे में हमें अपने वजन को कंट्रोल रखना चाहिए।

हीट थेरेपी

डॉ. वोरा ने बताया कि हीट पैक लगाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और पीठ के निचले हिस्से की गति में वृद्धि होती है, जिससे ऐंठन और जकड़न दोनों को जल्दी से दूर किया जा सकता है।

यदि धूम्रपान करते हो, तो बंद कर दें

कई अध्ययन में सिगरेट पीना भी पीठ दर्द का कारण माना गया है। धूम्रपान आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और ऐसा माना जाता है कि डिस्क और आपकी पीठ के जोड़ों में क्षतिग्रस्त धमनियां दर्द और चोट का कारण बन जाती हैं। धूम्रपान ऑस्टियोपोरोसिस का भी खरता बढ़ाता है। ऐसे में अगर आप धूम्रपान करते हो, तो उसे तुरंत बंद कर दें।

लंबे समय तक न बैठे

जब आप उचित मुद्रा का अभ्यास करते हैं, तो आप अपनी हड्डियों और जोड़ों को एक सीध में रखते हैं। रीढ़ की हड्डी के जोड़ों को एक साथ रखने से तनाव कम होता है और इस कारण दर्द में भी कम होता है। आफिस में काम करते समय लंबे समय तक कुर्सी पर न बैठे।