Diabetes Risk: टाइप 2 डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है जिससे दुनिया भर में अरबों लोग पीड़ित हैं। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 1.6 मिलियन लोगों की जान डायबिटीज के कारण जाती है। इस बीमारी में लोगों का शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है। बता दें कि रक्त शर्करा का स्तर अनियंत्रित होने से अंधापन, किडनी फेलियर, हार्ट डिजीज और कई दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है।
लोगों की जीन्स, उम्र, स्वास्थ्य इतिहास, वजन जैसे कई कारक ब्लड शुगर को प्रभावित करते हैं। बताया जाता है कि प्री-डायबिटीज से ग्रस्त 70 फीसदी मरीजों में डायबिटीज टाइप 2 के विकसित होने का खतरा रहता है। ऐसे में हर कोई चाहता है कि वो इस बीमारी से कोसों दूर रहे हैं। आइए जानते हैं कुछ उपाय –
डाइट से इन्हें दिखाएं बाहर का रास्ता: मधुमेह रोग के खतरे को कम करने के लिए लोगों को मीठा खाने से बचना चाहिए, साथ ही रिफाइंड कार्ब्स भी आपको इस बीमारी के करीब ले जा सकते हैं। बता दें कि इनसे भरपूर खाद्य पदार्थ छोटे शुगर मॉलीक्यूल्स में तोड़ते हैं जो ब्लडस्ट्रीम में एब्जॉर्ब हो जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि हेल्दी लोगों में पैन्क्रियाज इंसुलिन रिलीज करता है जो शरीर में अधिक ग्लूकोज को एब्जॉर्ब कर लेता है। लेकिन प्री-डायबिटीज के मरीजों में बॉडी सेल्स इंसुलिन को रिस्पॉन्ड नहीं कर पाते। इस वजह से लोगों का शुगर लेवल बढ़ा रहता है, ऐसे में रिफाइंड कार्ब्स और शुगरी फूड्स से लोगों को परहेज करना चाहिए।
नियमित वर्क आउट: हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब लोग व्यायाम करते हैं तो उससे शरीर की इंसुलिन सेंसेटिविटी बेहतर होती है। एक अध्ययन के अनुसार मॉडरेट इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से इंसुलिन सेंसेटिविटी 51 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। एरोबिक एक्सरसाइज, हाई इंटेंसिटी इंटर्वल ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा।
खूब पीयें पानी: कुछ अध्ययनों में इस बात का प्रमाण मिलता है कि बेहतर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल और इंसुलिन रिस्पॉन्स के लिए लोगों को ज्यादा पानी पीना चाहिए। वहीं, मीठे या फिर शुगर युक्त ड्रिंक्स के सेवन से बचें।
वजन पर रखें संतुलन: जो लोग प्री-डायबिटीज से ग्रस्त हैं उनके लिए फैट बेहद नुकसानदायक हो सकता है। पेट और लिवर के आसपास मौजूद वसा को एक्सपर्ट्स विसरल फैट बोलते हैं। शरीर में इस तरह के फैट की अगर अधिकता हो जाए तो इससे बॉडी में सूजन और इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या देखने को मिल सकती है। इससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ता है।
धूम्रपान छोड़ें: स्मोकिंग हृदय रोग, लंग, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और पेट संबंधी कैंसर और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा होता है। एक रिसर्च के अनुसार धूम्रपान और सेकेंड हैंड स्मोकिंग से मधुमेह का खतरा बढ़ता है।