Medical Test Till Age of 50 Years: आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण 50 की उम्र तक आते-आते कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। लेकिन अगर आप अपनी हेल्थ का विशेष ध्यान रखते हैं। खानपान और एक्सरसाइज में किसी भी तरह की कोताही नहीं करते हैं, तो 70-80 के पार का आंकड़ा आसानी से छू सकते हैं। जब बात सेहत की हो रही हो और कुछ मेडिकल टेस्ट की न हो। ऐसा संभव नहीं है। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आपके समय-समय पर रूटीन चेकअप के साथ साल में एक बार कुछ मेडिकल टेस्ट जरूर कराना चाहिए। क्योंकि इस टेस्ट के द्वारा की डॉक्टर आपकी सेहत, किसी जेनेटिक बीमारी के बारे में काफी हद तक जान सकता है। इन चेकअप के द्वारा किसी भी तरह की संभावित स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जल्दी जान सकते हैं। न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के लैब प्रमुख डॉ विज्ञान मिश्र से जानिए 50 की उम्र तक कौन से टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए।
ब्लड प्रेशर टेस्ट (Blood Pressure Test)
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन एक ऐसा रोग है, जो खामोश रहकर आपके अंगों को नुकसान पहुंचाने से लेकर मौत का कारण बन सकता है। इसके कारण हार्ट संबंधी रोग, किडनी सहित अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। रक्तचाप की नियमित जांच से आपके रक्तचाप के स्तर की निगरानी करने में मदद मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से कम होना चाहिए। यदि आपका रक्तचाप लगातार अधिक रहता है, तो आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव जैसे कि स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव को कम करने की कोशिश करना चाहिए या फिर इसे कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर (Cholesterol Test)
कोलेस्ट्रॉल वसायुक्त पदार्थ होता है, जो आपके लिवर द्वारा बनता है और कुछ खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है। हालांकि, यह विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक है। LDL कोलेस्ट्रॉल, जिसे अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। अगर शरीर में इसका स्तर अधिक हो जाता है, तो धमनियों में प्लाक जमा हो सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी ओर, HDL कोलेस्ट्रॉल, जिसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। इसके होने से ब्लड सर्कुलेशन से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को को जानने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराया जा सकता है। इसके साथ ही शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने के लिए हेल्दी खानपान के साथ शारीरिक काम जरूर करना चाहिए।
ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Sugar Test)
डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जो आपके शरीर द्वारा रक्त में मौजूद शर्करा (ग्लूकोज) को संसाधित करने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। इसके कारण विभिन्न समस्याओं का जन्म हो सकता है जिनमें हृदय रोग, किडनी की क्षति, तंत्रिका क्षति और या फिर आंखों संबंधी समस्याएं शामिल हैं। रक्त ग्लूकोज के नियमित परीक्षण से मधुमेह या प्रीडायबिटीज का निदान करने में मदद मिल सकती है। अगर आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है या फिर परिवार में किसी सदस्य को मधुमेह रोग होने का इतिहास या फिर अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना आदि लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए जीवन भर अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें और नियमित रूप में एक्सरसाइज, योग का सहारा लें। इसके साथ ही डॉक्टर से सलाह लेकर
दवाओं का सेवन करके इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग (Prostate Cancer Screening)
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाया जाने वाला सबसे आम कैंसर है। प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग से गुजरने का निर्णय किसी भी व्यक्ति से जुड़े जोखिम कारकों,आयु और प्राथमिकताओं पर आधारित होना चाहिए या फिर किसी डॉक्टर से परामर्श के बाद करा सकते हैं। आम तौर पर,स्क्रीनिंग में प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) ब्लड टेस्ट या फिर डिजिटल रेक्टल परीक्षण (DRI) शामिल है। पीएसए प्रोस्टेट ग्रंथि द्वारा सृजित एक प्रोटीन है और इसका अधिक स्तर प्रोस्टेट कैंसर या अन्य प्रोस्टेट रोगों का संकेत हो सकता है। डीआरई की सहायता से डॉक्टर किसी भी तरह की असामान्यताओं का पता लगाने के लिए प्रोस्टेट ग्रंथि की शारीरिक जांच कर सकता है। स्क्रीनिंग प्रोस्टेट कैंसर का प्रारंभिक चरण में पता लगाने में मदद कर सकती है। जब उपचार अधिक प्रभावी होता है। यह आमतौर पर 50 वर्ष की आयु के बाद किया जाता है।
50 की उम्र तक पुरुष करा लें ये भी टेस्ट
- ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN): रक्त में नाइट्रोजन की मात्रा को मापता है, जो किडनी के कार्य को बताता है
- क्रिएटिनिन: किडनी की कार्यप्रणाली का आकलन करने के लिए रक्त में अपशिष्ट उत्पाद क्रिएटिनिन के स्तर को मापता है।
- यूरिक एसिड: रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा का परीक्षण करता है, जो गठिया या किडनी की पथरी जैसे रोगों का निदान करने में मदद करता है।
- HbA1c: पिछले दो से तीन महीनों में औसत रक्त शर्करा के स्तर का मूल्यांकन करता है और मधुमेह के निदान और चिकित्सा में सहायता करता है।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)