Health Tips: दीपावली एक खूबसूरत त्यौहार है जो हमारे जीवन में खुशियां और आनंद लेकर आता है। हर साल हम इस त्योहार को दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर दिवाली (Diwali 2024) मनाने का बेसब्री से इंतजार करते हैं, लेकिन इस त्योहार के मौसम में प्रदूषण (Pollution), धूल और धुंध का स्तर भी बहुत ज्यादा होता है। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकता है। दिवाली के समय में खासतौर पर किसी बीमारी से ग्रसित मरीज, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अधिक मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इस खबर में हम आपको त्योहारी सीजन में खुद को और परिवार को सुरक्षित रखने की कुछ टिप्स बताते हैं।

दिवाली पर खुद को रखें सुरक्षित

दिवाली के समय में मिठाइयां, तैलीय खाना और अन्य तरह के फूड्स अधिक खाए जाते हैं, जो सेहत के लिए थोडा अन हेल्दी हो जाता है। ऐसे में आप मिठाइयों की जगह फल या ड्राई फ्रूट्स का उपयोग कर सकते हैं। यह सेहत के लिए काफी ज्यादा पौष्टिक भी रहते हैं।

दिवाली के समय प्रदूषण से बचें

दिवाली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है, लेकिन पटाखों के जहरीले धुएं के कारण हर साल वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से भी अधिक हो जाता है।  इसके अलावा ठंड से बचने के लिए लकड़ी जलाना और पराली जलाने से होने वाले धुएं से वायु प्रदूषण घातक स्तर तक पहुंच जाता है।

शरीर को रखें हाइड्रेटेड

दिवाली के समय में खुद को हाइड्रेटेड जरूर रखें। दिनभर में ढेर सारा पानी पिएं, आप हर्बल टी और जूस आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं। इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा।

नींद का रखें पूरा ख्याल

त्योहार के समय में दोस्तों और रिश्तेदारों के पास आना जाना लगा रहता है, जिसके कारण तनाव बढ़ जाता है और तनाव नींद को खराब कर सकता है। ऐसे में अच्छी और पर्याप्त नींद जरूर लें। क्योंकि, खराब स्लीप साइकिल भी हाई ब्लड शुगर का कारण हो सकता है। पूरी नींद नहीं होने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जिससे शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए समय से सोएं और तनाव को कम करने की कोशिश करें।

एक्सरसाइज करें

त्योहार के समय में डेली रूटीन में भी थोड़ा बदलाव हो जाता है। अगर, आप अपना ब्लड शुगर कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो रोजाना नियमित तौर पर एक्सरसाइज जरूर करें। त्योहार के समय में इस रूटीन को जरा भी नजरअंदाज न करें।

दिवाली पर स्वास्थ्य का खतरा

दिवाली के समय होने वाले वायु प्रदूषण से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी जैसी सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा आंखों में जलन, खुजली, लालपन, आंखों में पानी और आंखों में संक्रमण होने का खतरा रहता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।