वर्तमान समय में खराब खानपान, जीवन-शैली, जंक फूड्स का अधिक सेवन और कोई शारिरिक क्रिया ना करने के कारण युवा भी ऐसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जिनका शिकार पहले बड़े-बुजुर्ग हुआ करते थे। ऐसी ही एक स्वास्थ्य समस्या है डायबिटीज यानी मधुमेह की। बता दें कि जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम या फिर बंद कर दे तो इसके कारण मधुमेह की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज के रोगियों का ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर अनियंत्रित का कारण खराब खानपान होता है, ऐसे में शुगर के मरीजों को अपनी डाइट का बेहद ही ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से गुर्दे खराब होना, हार्ट फेलियर और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति भी पैदा हो सकती है। वैसे तो मधुमेह की बीमारी का कोई इलाज नहीं है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अश्वगंधा की मदद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा का इस्तेमाल होता आ रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि अश्वगंधा बॉडी में इंसुलिन का उत्पादन और उसकी संवेदनशीलता को प्रभावित करके डाबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। केवल इतना ही नहीं अश्वगंधा खून में मिलकर इंसुलिन के स्राव को उत्तेजित करता है, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल भी कम हो सकता है।

इस तरह करें अश्वगंधा का सेवन: डायबिटीज के मरीजों को रोजाना एक से दो चम्मच यानी 3-6 ग्राम अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए। आप अश्वगंधा के चूर्ण को पानी या फिर घी के साथ खा सकते हैं। बता दें कि अश्वगंधा टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है।

इसके अलावा आप अश्वगंधा का काढ़ा बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। इसके लिए 3 कप पानी में 2-3 चम्मच अश्वगंधा का पाउडर मिला लें। फिर इस पानी को करीब 15 मिनट तक उबालें। जब ये पानी एक चौथाई बचे तो इसका सेवन करें। आप चाहे तो अश्वगंधा के कैप्सूल का भी सेवन कर सकते हैं।