डायबिटीज मरीजों के लिए खराब डाइट क्रॉनिक बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है। खराब डाइट से मतलब है कि डाइट में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फूड्स जैसे चावल,गेहूं की चपाती,आलू, ब्रेड, पास्ता, कुकीज़ और पेस्ट्री जैसी स्टार्चयुक्त जड़ वाली सब्जियों का कॉम्बिनेशन ना सिर्फ तेजी से ब्लड शुगर को बढ़ाता है बल्कि ट्राइग्लिसराइड्स का भी तेजी से निर्माण करता है। ट्राइग्लिसराइड्स ब्लड में मौजूद वसा है। ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के कारण ही डायबिटीज मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है।

डायबिटीज स्पेशलिटीज़ सेंटर,चेन्नई में अध्यक्ष, डॉ वी मोहन ने बताया कि डायबिटीज मरीजों के लिए कार्बोहाइड्रेट का अधिक सेवन ना सिर्फ ब्लड शुगर को बढ़ाता है बल्कि दिल के रोगों का खतरा भी बढ़ा देता है। एक्सपर्ट ने बताया कि डायबिटीज मरीजों में बढ़ता ट्राइग्लिसराइड्स हार्ट अटैक का कारण बनता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज कैसे ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाने में जिम्मेदार है और इस स्थिति से कैसे बचाव किया जाए।

डायबिटीज ट्राइग्लिसराइड्स को कैसे बढ़ाता है?

लम्बे समय तक डायबिटीज का हाई स्तर ट्राइग्लिसराइड के स्तर के ट्रिगर्स करता है। जब ब्लड में ग्लूकोज का स्तर हाई रहता है तो इसे संतुलित करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन इंसुलिन, अतिरिक्त ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में लिवर में जमा करता है। जब लिवर में ग्लाइकोजन का स्तर बढ़ने लगता है तो ग्लूकोज फैटी एसिड के रूप में बदलने लगता है और ये ट्राइग्लिसराइड्स बनाता हैं। हाई ट्राइग्लिसराइड की बढ़ती संख्या आगे इंसुलिन प्रतिरोध की ओर ले जाती है, जो टाइप-2 डाइबिटीज के विकास से एक कदम दूर है। यह इंसुलिन को हमारी कोशिकाओं को ग्लूकोज अवशोषित करने से रोकता है जिसकी वजह से ब्लड में शुगर का स्तर हाई रहता है।

ट्राइग्लिसराइड्स डायबिटीज के लिए हाई जोखिम क्यों पैदा करता है

ट्राइग्लिसराइड्स का हाई स्तर ब्लड प्रेशर को तेजी से बढ़ाता है। बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसराइड्स दिल के दौरे और स्ट्रॉक का खतरा भी बढ़ाता है। ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर हाई होने का मतलब है कि ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता जा रहा है जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के लिए जोखिम है। ट्राइग्लिसराइड्स की नॉर्मल रेंज की बात करें तो 150 mg/dL से कम स्तर नॉर्मल माना जाता हैं। ट्राइग्लिसराइड्स का 299 to 400 mg/dL तक का स्तर हाई कहलाता है। 400 to 500 mg/dL का स्तर खतरे के निशान को पार कर जाता है।

डायबिटीज मरीज ट्राइग्लिसराइड्स को कैसे कंट्रोल करें

  • डायबिटीज मरीज ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले अपने वजन को कंट्रोल करें।
  • डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से बचें।
  • डाइट में चीनी और चीनी से बने फूड्स का सेवन कम करें।
  • डाइट में हेल्दी फैट का सेवन करें। डाइट में मछली जैसे सैल्मन, जैतून का तेल, नट्स, बीज और एवोकाडो शामिल करें।
  • रोजाना कम से कम आधा घंटे तक एक्सरसाइज जरूर करें।
  • शराब का सेवन करना पूरी तरह बंद कर दें। एक बार भी अत्यधिक शराब पीने से अगले ही दिन ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है।