Diabetes Risk: भारत में डायबिटीज यानि मधुमेह की बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डायबिटीज से पीड़ित 25 वर्ष से कम आयु के हर चार लोगों में से एक को टाइप 2 मधुमेह है। इस बीमारी में खुद का सही से ख्याल नहीं रखने पर व्यक्ति की हालात इतनी बिगड़ सकती है कि उसकी जान भी जा सकती है। ऐसे में मधुमेह रोगियों को अपने खानपान को लेकर बेहद सतर्क रहना चाहिए। मरीजों को अपनी डाइट में उन फूड्स को शामिल करना चाहिए जो प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

डायबिटीज में हल्दी: हल्दी में कुछ ऐसे जरूरी तत्व मौजूद होते हैं जो डायबिटीज के प्रभावों को कम करने में मददगार है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन को लोग एंटी-डायबिटिक के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। डायबिटीज को कंट्रोल करने में हल्दी का सेवन लाभदायक सिद्ध होता है। ये इम्युनिटी बढ़ाने में भी कारगर है।

हालांकि, डॉक्टर्स के मुताबिक मधुमेह रोगियों को सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए। उनका मानना है कि यही करक्यूमिन अगर लोगों के शरीर में ज्यादा मात्रा में चले जाएं तो स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को दिन भर में 2 बार से अधिक हल्दी दूध पीने की सलाह नहीं दी जाती है।

फलों का रस: डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन न हो। हालांकि, इन्हें फ्रूट जूस के सेवन से बचना चाहिए। इसमें मौजूद नैचुरल शुगर रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वहीं, पैक्ड जूस में मौजूद प्रीजर्वेटिव्स भी डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा, ताजा फलों के जूस में भी फाइबर की मात्रा न के बराबर होती है, इस कारण डायबिटीज के मरीजों को इससे परहेज करना चाहिए।

चाय-कॉफी: कॉफी-चाय के अधिक सेवन से भी डायबिटीज के मरीजों को बचना चाहिए। इसमें कैफीन की अधिकता होती है जो शरीर को नेगेटिव रूप से प्रभावित करती है। इंग्लैंड के एक जर्नल में छपी खबर के अनुसार खाली पेट कॉफी पीने से ब्लड शुगर के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे न केवल डायबिटीज बल्कि हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता है।