डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैंक्रियाज़ इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देता है या फिर बंद कर देता है। जब इंसुलिन का कम उत्पादन होता है तो ब्लड में ग्लूकोज़ का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है जिसे डायबिटीज की बीमारी कहा जाता है। इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो पाचक ग्रंथि से बनता है और फूड्स को एनर्जी में बदलता है। डायबिटीज बढ़ने पर बॉडी में उसके कुछ लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं जैसे अधिक प्यास लगना, जल्दी-जल्दी यूरिन आना, थकान होना, मतली और उल्टी, सांस लेने में समस्या, पेट दर्द, मुंह का सूखना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करना जरूरी है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए तनाव से दूर रहें, बॉडी को एक्टिव रखे, डाइट का ख्याल रखें और रोज़ाना वर्कआउट करें शुगर कंट्रोल रहेगी।
डायबिटीज के मरीजों की अगर शुगर कंट्रोल नहीं रहेगी तो उसका असर दिल, किडनी,आंखों और लंग्स को प्रभाविक कर सकता है। इतना ही नहीं डायबिटीज के मरीजों को पेट से संबंधित कुछ परेशानियां भी परेशान कर सकती है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को पेट से संबंधित कौन सी तीन बीमारियां परेशान करती हैं।
डायबिटीज के मरीजों को परेशान कर सकता है कब्ज:
डायबिटीज (Blood sugar)के मरीजों को कब्ज की परेशानी हो सकती है। शुगर बढ़ने पर मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है जिससे कब्ज की परेशानी हो सकती है। डायबिटीज के मरीज कब्ज को दूर करने के लिए डाइट में फाइबर वाले फूड्स का सेवन करें। फाइबर वाले फूड का सेवन करने से कब्ज से निजात मिलती है। डायबिटीज के मरीज फाइबर के फूड्स में मेथी, अलसी के बीज,अमरूद, ओट्स जौ का सेवन करें। इन फूड्स का सेवन करने से कब्ज से निजात मिलेगी।
डायबिटिक गैस्ट्रोपैरीसिस:
डायबिटिक गैस्ट्रोपैरीसिस (Diabetic gastroparesis) एक ऐसी बीमारी है जिसका असर पाचन क्रिया पर भी पड़ता है। इसकी वजह से पेट में जलन, सूजन, भूख में कमी, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में परेशानी, जी मिचलाना, अपच, उल्टी, कम भोजन में पेट भरना, वजन घटना, पेट में ऐंठन जैसी परेशानी हो सकती है। गैस्ट्रोपैरेसिस की वजह से पेट की गति धीमी हो जाती है और पेट ठीक से खाली नहीं हो पाता है। इस बीमारी की वजह से शुगर बढ़ता है, साथ ही पाचन तंत्र की समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। डायबिटीज के मरीज डाइट का ध्यान रखें। डाइट में फाइबर वाले फूड्स खाएं, बॉडी को एक्टिव रखें।
एसिड रिफ्लक्स की बढ़ सकती है परेशानी:
एसिड रिफ्लक्स उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा फूड्स से बनने वाला एसिड आंतों के निचले हिस्से में जाने की बजाय इसोफेगस की ओर लौटने लगता है। जब खाना ठीक से पचता नहीं है तो वो एसिड का निर्माण करता है और यह एसिड वापस इसोफेगस की ओर आने लगता है जिसकी वजह से पेट में गैस और एसिडिटी की परेशानी होती है। इस बीमारी से बचाव करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करें, तला भूना मसालेदार खाना खाने से परहेज करें और नशीली पदार्थों का सेवन बंद करेँ।