डायबिटीज यानी मधुमेह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 442 मिलियन लोग आज डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हैं। वर्तमान समय में खराब खानपान, अस्वस्थ लाइफस्टाइल, अनुवांशिकता, तनाव और कोई शारिरिक गतिविधि ना करने के कारण लोग डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं। वैसे तो मधुमेह आज एक सामान्य बीमारी बन गई है, लेकिन इससे कई तरह के मिथक जुड़े हुए हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए जानलेवा साबित भी हो सकते हैं।

कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से लेकर कई अन्य चीजों से परहेज करने तक, जागरूकता की कमी के कारण लोग कई बार इस बीमारी का गलत प्रबंधन करते हैं। हाल ही में न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने इन मिथकों का भंडाफोड़ किया है, जो डायबिटीज के हर मरीज के लिए जानना बेहद ही जरूरी है।

लवनीत कहती हैं, “मधुमेह आज एक आम बीमारी बन गई है, लेकिन इसके इलाज को लेकर कई गलत धारणाएं बनी हुई हैं। इन मिथकों को जानकर आप बेहतर तरीके से डायबिटीज का प्रबंधन कर सकते हैं।”

मधुमेह के मरीज नहीं कर सकते कार्ब्स का सेवन: कार्ब्स आपके दुश्मन नहीं है। हालांकि कार्ब्स के प्रकार या आप कितनी मात्रा में कार्ब्स का सेवन करते हैं, मधुमेह के मरीजों के लिए यह बेहद ही महत्वपूर्ण है।

डायबिटीज के मरीज, जितना चाहे कर सकते हैं ‘फैट’ का सेवन: दूसरा मिथक यह है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीज जितना चाहे हाई सैचुरेटेड फैट का सेवन कर सकते हैं। हालांकि मधुमेह के रोगियों का ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि अत्याधिक फैट के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना भी बढ़ जाती है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर चुनना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है: न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर इंसुलिन प्रतिरोध को खराब कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए ‘शुगर फ्री’ प्रोडक्ट्स का सेवन करना हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए केमिकल की जगह रियल फूड्स का चुनाव करें।

अगर आप दवाई का रहे हैं तो मिठाई खा सकते हैं: न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि यह धारणा पूरी तरह गलत है। क्योंकि मधुमेह की दवा लेना मिठाई खाने का टिकट नहीं हैं। बत्रा ने कहा, “मधुमेह और अन्य जटिलताओं के प्रबंधन के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार के साथ-साथ दवा महत्वपूर्ण हैं।”