Blood Sugar Checkup: मौजूदा समय में जिस बीमारी का खतरा लोगों में सबसे अधिक होता है, वो है हाई ब्लड शुगर। सरकारी आंकड़ों की मानें तो भारतीय व्यस्कों में 12 से 18 प्रतिशत डायबिटीज का खतरा बढ़ा है। ये आंकड़ा खासकर अर्बन इलाकों में रहने वाले लोगों को लेकर बताया गया है। मधुमेह को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षणों को पहचानने से पहले ही शरीर पर धावा बोल देता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ये ऐसी बीमारी है जिसके गंभीर होने पर शरीर के दूसरे हिस्से भी इससे प्रभावित होने लगते हैं।
ऐसे में जरूरी है कि डायबिटीज या फिर ब्लड शुगर के स्तर की जांच हर कुछ महीनों में कराते रहना चाहिए। वहीं, मधुमेह रोगियों को कुछ दिनों के अंतराल पर ही रक्त शर्करा की जांच करानी चाहिए, जबकि गंभीर मरीज हर रोज घर पर ही ब्लड शुगर चेकअप करते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
पहली बार कैसे करें डायबिटीज की जांच: पहली बार जिन लोगों को खुद में डायबिटीज के लक्षण महसूस हो रहे हों, वो डॉक्टर के कहने पर किसी भी लैब में जाकर जांच करवा सकते हैं। साथ ही, पिछले दो से तीन महीनों में आपका औसत ब्लड शुगर कितना है, ये जानने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स आपको ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (A1C) टेस्ट कराने की भी सलाह दे सकते हैं।
घर पर किस तरह जांचे ब्लड शुगर: डायबिटीज के कई मरीज घर पर ही अपने शुगर को लेवल को चेक कर लेते हैं। जिन मरीजों में हाई ब्लड शुगर होता है वो अक्सर ग्लूकोज मॉनिटर (एक सीजीएम) या ब्लड शुगर मीटर अपने पास रखते हैं जिसके उपयोग से मरीज अपने शुगर लेवल पर नजर रखते हैं। इस टेस्ट में लोग अपनी उंगली पर नीडल चुभाते हैं जिसके जरिये मशीन उनका ब्लड शुगर लेवल बताती है।
क्या है हेल्दी ब्लड शुगर लेवल: आमतौर पर फास्टिंग और खाने के बाद का शुगर लेवल अलग-अलग होता है। फास्टिंग यानी जिस व्यक्ति ने पिछले 8 घंटे या उससे अधिक समय से कुछ नहीं खाया, उसका नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70-99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होनाचाहिए। वहीं, खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर का स्तर 140 मिलीग्राम / डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए। हालांकि, ये रीडिंग लोगों की दिनचर्या पर भी निर्भर करता है इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।