Diabetes Diet: मेटाबॉलिक डिसॉर्डर क कारण होने वाली बीमारियों में से एक है डायबिटीज। इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों में लंबे समय तक रक्त शर्करा का स्तर उच्च रहता है। इस रोग के शुरुआती लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, ज्यादा भूख लगना, थकान, ज्यादा प्यास लगना, घाव भरने में अधिक वक्त लगना, आंखों की रोशनी कमजोर होना शामिल है। मधुमेह रोगियों में अगर ब्लड शुगर लेवल लंबे समय तक बढ़ा रहता है तो कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में इसे नियंत्रित करना आवश्यक है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये तीन घरेलू उपाय ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए जाने जाते हैं।
जामुन: कई लोग ये सोचकर फलों के सेवन से बचते हैं कि इन्हें खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन कुछ फलों का सेवन शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इन्हीं में से एक फल है जामुन जो एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखता है। इसे उपयोग करने के लिए जामुन के बीजों को अलग करके अच्छे से सुखा लें। फिर इन्हें पीसकर गुनगुने पानी के साथ खाली पेट पीयें।
तुलसी पत्ते: आयुर्वेदिक औषधि के रूप में तुलसी पत्तों का इस्तेमाल बरसों से होता आ रहा है। इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में भी मदद करता है। तुलसी के पत्तों में प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो डायबिटीज से जुड़ी दूसरी जटिलताओं को कम करने में सहायक होते हैं। शरीर में मौजूद बीटा-सेल्स को इंसुलिन के प्रति सेंसेटिव बनाने में भी ये पत्ते कारगर हैं। आप सुबह 4 स 5 तुलसी के पत्तों को चबाकर खा सकते हैं, इसके अलावा काढ़ा पीना भी फायदेमंद होगा।
दालचीनी पाउडर: एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं दालचीनी जिसका इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। कहा जाता है कि स्वास्थ्य के लिए इसका इस्तेमाल बहुत प्रभावी होता है। वजन कंट्रोल करने में भी दालचीनी का चूर्ण सहायक साबित होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक एक महीने तक अपने दैनिक आहार में एक ग्राम दालचीनी यूज करने से डायबिटीज के मरीजों को फायदा होगा।

