डायबिटीज बेहद आम बीमारी बन गई है। हर दिन डायबिटीज मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यही वजह है कि भारत को दुनिया की डायबिटीज कैपिटल कहा जाने लगा है। ब्लड शुगर के लिए खराब लाइफस्टाइल और खानपान भी जिम्मेदार है। यह अन्य बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ा देता है। बता दें कि डायबिटीज मरीजों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आपका शुगर लेवल 600mg/dl या उससे ज्यादा तक पहुंच जाए तो यह आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
ब्लड शुगर का ये लेवल है खतरनाक
जब डायबिटीज मरीजों का ब्लड शुगर लेवल 600 mg /dl से उपर होता है तो इस स्थिति को डायबिटिक हाइपरोस्मोलर हाइपरग्लाइसेमिक सिंड्रोम कहा जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि यह सिंड्रोम तब होता है जब किसी व्यक्ति में शुगर लेवल काफी लंबे समय से हाई होता है। इसके अलावा इस सिंड्रोम के कारण मरीजों में पानी की कमी भी होने लगती है।
ब्लड शुगर की मॉनीटरिंग जरूरी
डायबिटीज के मरीजों को अपने शुगर लेवल की नियमित जांच और मॉनीटरिंग करते रहना चाहिए। इसके अलावा डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को सही शुगर लेवल की जानकारी भी होनी चाहिए की किस समय पर कितना शुगर लेवल होना सामान्य होता है। आइये इस चार्ट की मदद से समझते हैं कि कहीं आपका ब्लड शुगर लेवल किसी खतरे का संकेत तो नहीं है। इस चार्ट को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
नार्मल
फास्टिंग – 80 -100
खाने के दौरान – 170-200
खाने के 3 घंटे बाद – 120-140
प्री -डायबिटिक
फास्टिंग – 101-125
खाने के दौरान – 190-230
खाने के 3 घंटे बाद – 140-160
डायबिटिक
फास्टिंग – 120+
खाने के दौरान – 220-300
खाने के 3 घंटे बाद – 200+