Blood Sugar Range: शरीर का एक प्रमुख अंग है अग्नाशय जिसे अंग्रेजी में पैन्क्रियाज कहते हैं। ये शरीर में इंसुलिन हार्मोन के प्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। बता दें कि जब इस हार्मोन का उत्पादन सुचारू ढंग से होता है तो बॉडी सेल्स ब्लड ग्लूकोज का इस्तेमाल कर पाते हैं। वहीं, जब इंसुलिन की कमी हो जाती है तो रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि खानपान में लापरवाही और फिजिकल फिटनेस की कमी से भी शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
ब्लड शुगर बढ़ने से लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। उच्च रक्त शर्करा मधुमेह बीमारी का कारण बनता है जो एक लाइलाज रोग है। आंकड़ों के अनुसार देश में करीब 77 मिलियन लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
शुगर लेवल पर काबू नहीं रखने से सिर्फ डायबिटीज ही नहीं, किडनी रोग, हार्ट डिजीज, आंखों से संबंधित परेशानी, स्ट्रोक, नर्वस सिस्टम और स्किन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। वहीं, फैटी लिवर के मरीजों में उच्च रक्त शर्करा का स्तर भी ज्यादा होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि रक्त शर्करा की जांच कैसे करें –
घर पर कैसे करें शुगर की जांच: हेल्थ एक्सपर्ट्स मधुमेह रोगियों को हर कुछ दिनों पर लोगों को ब्लड शुगर चेक करने की सलाह देते हैं। अगर इसका स्तर अनियंत्रित रहता है तो खानपान व जीवन शैली में बदलाव लाकर कंट्रोल किया जा सकता है। वैसे तो लैब या क्लिनिक में जाकर रक्त शर्करा की जांच की जा सकती है। हालांकि, वर्तमान समय में घर बैठे भी इस पर निगरानी रखी जा सकती है।
ग्लूकोज मॉनिटर (एक सीजीएम) या ब्लड शुगर मीटर के जरिये ब्लड शुगर लेवल चेक किया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार इस टेस्ट में लोग अपनी उंगली पर नीडल चुभाते हैं जिसके जरिये उनका ब्लड शुगर लेवल पता चलता है। वहीं, रक्त ग्लूकोज मीटर के जरिये भी आप जांच कर सकते हैं। बताया जाता है कि इसमें बगैर मशीन के रीडिंग ली जा सकती है।
इसके अलावा, यूरिन के जरिये भी लोग रक्त शर्करा के स्तर का पता लगा सकते हैं। हालांकि, इससे ब्लड में नहीं बल्कि यूरिन में रक्त शर्करा का स्तर पता लगाया जा सकता है। वहीं, लैब और क्लिनिक में ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (A1C) टेस्ट और रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट के जरिये रक्त शर्करा की जांच होती है।
जानें ब्लड शुगर की नॉर्मल रेंज: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जो लोग डायबिटीज या किसी अन्य बीमारी से घिरे न हों, पूरी तरह स्वस्थ हैं उनका शुगर लेवल फास्टिंग में 70-99 मिलीग्राम / डीएल के बीच होना चाहिए। आसान शब्दों में कहें तो जब व्यक्ति आठ घंटे या उससे अधिक समय से भूखा होता है तब उसके रक्त शर्करा का स्तर यही होना चाहिए। वहीं, खाने के दो घंटे बाद शुगर लेवल 140 मिलीग्राम / डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए।