शुगर (डायबिटीज) एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। ब्लड शुगर (Blood Sugar) को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां भी हैं। खानपान से लेकर जीवनशैली तक को लेकर तमाम बातें कही जाती हैं। ऐसी स्थिति में समझना मुश्किल हो जाता है कि डायबिटीज होने पर किन चीजों का ख्याल रखें। क्या वाकई जो दावे किये जाते हैं, उनका डायबिटीज (Diabetes) से कोई सीधा संबंध है? चर्चित न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ऐसे ही सवालों का कुछ यूं जवाब देती हैं।

ब्लड शुगर की बात होती है तो कहा जाता है कि इसे नियंत्रित करने के लिए वजन को कम करना अनिवार्य है। रुजुता दिवेकर कहती हैं कि डायबिटीज में वजन बढ़ना चाहिए लेकिन फैट का नहीं बल्कि मसल्स (हड्डियों) का वजन बढ़ाएं और मांसपेशियों का वजन बढ़ाए। हड्डियों और मांसपेशियों का वजन कम होने से ही ब्लड शुगर होने का खतरा रहता है। खुद को फिट रखें, न कि दुबला-पतला शरीर पाने की ख्वाहिश के पीछे भागें।

यह भी कहा जाता है कि डायबिटीज होने पर हमें कम चीनी, अधिक प्रोटीन और अधिक फाइबर वाला खाना डाइट में शामिल करना चाहिए। बकौल दिवेकर, डायबिटीज के नाम पर ऐसे कई सारे पैकेट वाला खाने हैं जो बाजार में मिल रहे हैं। ये हाई प्रोटीन और हाई फाइबर के नाम पर लोगों को लूटते हैं। आप ऐसे खाने को नजरअंदाज करें। हाई फाइबर के नाम पर सिर्फ ओट्स मत खाएं। हाई फाइबर आपको इडली, चिला, डोसा, पराठा, पोहा और उपमा में मिलता है।

ब्लड शुगर होने पर चाय या कॉफी नहीं पी सकते?

रुजुता दिवेकर कहती हैं कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप चाय और कॉफी दोनों चीनी के साथ पी सकते हैं। लेकिन आप अपने दिन की शुरुआत चाय या कॉफी से न करें और न ही शाम 4 बजे के बाद चाय-कॉफी पिएं। आप इसका सेवन दिन में दो से तीन कप तक ही सीमित रखें। यह भी कहा जाता है कि मिठास के लिए चीनी की जगह स्टीविया यानी मीठी तुलसी का प्रयोग करना चाहिए।

बकौल रुजुता, कुछ लोग समझते हैं स्टीविया का इस्तेमाल करना सही होता है। स्टीविया प्राकृतिक पौधा है। रुजुता बताती हैं कि चीनी भी गन्ने से बनता है और गन्ना भी प्राकृतिक पौधा है। आप गन्ने का इस्तेमाल गुड़ और उसके रस के रूप में कर सकते हैं। लेकिन मात्रा का ख्याल रखना जरूरी है।