देश के कई राज्यों में इस समय डेंगू और वायरल बुखार का कहर बरपा रहा है। राजधानी दिल्ली, यूपी और बिहार समेत कई राज्यों में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है, ऐसे में लोगों के बीच डेंगू को लेकर डर भी है। डेंगू बुखार और सामान्य या नॉर्मल फीवर को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन रहती है। कई बार लोग डेंगू बुखार को वायरल फीवर समझ लेते हैं। क्योंकि डेंगू और वायरल फीवर के लक्षण एक जैसे होते हैं, इसलिए कई लोग इन दोनों में अंतर नहीं बता पाते हैं। ऐसे में मरीज की हालत बिगड़ जाती है। इसलिए डेंगू के लक्षणों का समय पर पहचान कर उसका उपचार करने बेहद आवश्यक है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब इन दोनों बुखारों के लक्षण एक जैसे हैं तो डेंगू और वायरल में अंतर कैसे करें। आइए जानते हैं-
डेंगू और वायरल बुखार का क्या कारण है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वायरल इंफेक्शन से वायरल फीवर होता है। इससे सर्दी, खांसी, बुखार की समस्या होती है। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में इस वायरस की चपेट में आने की आशंका अधिक होती है। वायरल बुखार आमतौर पर 5 से 7 दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है। डेंगू बुखार एक संक्रमित मच्छर के काटने से होता है और इसके लक्षण काटने के कुछ दिनों बाद दिखाई देते हैं।
यदि समय पर ही डेंगू की पहचान कर इसका सही इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो जाती है। इसका असर लीवर पर भी देखने को मिलता है। डेंगू भी एक वायरल फीवर है, लेकिन यह सिर्फ मच्छर के काटने से होता है।
डेंगू बुखार और वायरल फीवर में अंतर
- डेंगू से बहुत तेज बुखार होता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है। वायरल फीवर में तेज बुखार नहीं होता है।
- डेंगू से संक्रमित मरीजों की त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं, लेकिन वायरल बुखार में त्वचा के कोई निशान नहीं दिखते।
- डेंगू के कारण प्लेटलेट काउंट में तेजी से गिरावट आती है। वायरल फीवर का प्लेटलेट काउंट पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है।
- जहां कई लोगों में डेंगू बुखार निम्न रक्तचाप का कारण बनता है, वहीं वायरल बुखार का रक्तचाप पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- डेंगू के कारण उल्टी और पेट में दर्द होता है। डेंगू का असर लीवर पर भी पड़ता है। वायरल बुखार में उल्टी या पेट दर्द नहीं होता है।
दोनों का इलाज क्या है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बुखार होने पर लोगों को ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। रक्त परीक्षण बताएगा कि आपको डेंगू है या नहीं। इलाज की बात करें तो दोनों ही स्थितियों में लोगों को पैरासिटामोल की गोली दी जाती है। डेंगू और वायरल बुखार के मामले में एंटीबायोटिक्स से बचना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के तहत ही लेना चाहिए। यदि आप सही समय पर डेंगू का इलाज करते हैं, तो आप 1 सप्ताह के भीतर आसानी से ठीक हो सकते हैं। जबकि वायरल फीवर दवा लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाएगा।