गर्दन का कालापन देखने में सचमुच बहुत खराब लगता है। गर्दन में कालापन होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। अक्सर देखा जाता है कि गंदगी और मैल जमा होने से गर्दन की स्किन का रंग काला पड़ने लगता है। अगर कुछ कॉस्मेटिक प्रोडक्ट का सहारा लिया जाए और अच्छे से साफ-सफाई की जाए तो इस कालेपन से छुटकारा पाया जा सकता है। कई तरह के ट्रीटमेंट कराने के बाद भी गर्दन में कालापन बना हुआ है तो ये कई बीमारियों का संकेत हो सकते हैं। 

नॉर्मल स्किन में मेलानोसाइट्स नामक कोशिकाएं होती हैं। ये कोशिकाएं मेलेनिन का उत्पादन करती हैं। मेलानोसाइट्स वह पदार्थ जो स्किन को उसका रंग देता है। बहुत अधिक मेलेनिन वाली स्किन को हाइपरपिगमेंटेड स्किन कहा जाता है। बहुत कम मेलेनिन वाली स्किन को हाइपोपिगमेंटेड कहा जाता है। जिस स्किन में बिल्कुल भी मेलेनिन नहीं होता उसे रंगहीन कहा जाता है। स्किन का रंग डार्क तब होता है जब स्किन में बहुत अधिक मेलेनिन या अतिसक्रिय मेलानोसाइट्स होते हैं।

गर्दन में कालापन होने का सबसे बड़ा कारण वहां की स्किन का संवेदनशील होना है। इसके अलावा गर्दन की स्किन का रंग काला होने का कारण खराब डाइट,स्किन की ठीक से देखभाल नहीं करना शामिल है। इसके अलावा गर्दन की स्किन का रंग काला होने के लिए कुछ मेडिकल कंडीशन भी जिम्मेदार हैं। अगर आपकी गर्दन के आस-पास की त्वचा का रंग काला हो रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में कुछ बदलाव हो रहे हैं। गर्दन में कालापन दूर करने के लिए इस परेशानी के मूल कारण का पता लगाना जरूरी है। इस स्थिति से छुटकारा पाने के लिए आपको इसके मूल कारणों तक जानने की जरूरत है।

अपोलो हॉस्पिटल नोएडा में कंसल्टेंट,डायबिटीज थायराइड हॉर्मोन स्पेशलिस्ट डॉक्टर बीके रॉय के मुताबिक गर्दन में कालापन होने के लिए कई बीमारियां जिम्मेदार हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि गर्दन में कालापन कौन-कौन सी बीमारियों का संकेत हो सकते हैं।

कॉर्टिसोल हॉर्मोन के बढ़ने से कुशिंग सिंड्रोम होना

कुशिंग सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आपका शरीर बहुत अधिक कॉर्टिसोल बना रहा है या आपने बहुत अधिक मात्रा में ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का सेवन किया है। कुशिंग सिंड्रोम का इलाज संभव है।

बढ़ता वजन भी गर्दन के कालेपन का कारण

जिन लोगों का मोटापा ज्यादा है उनकी गर्दन, बगलें और जांघों का रंग काला होने लगता है।

ब्लड में इंसुलिन हाई होना भी कारण

एक्सपर्ट के मुताबिक ब्लड में इंसुलिन का स्तर हाई होने से भी गर्दन का रंग काला पड़ने लगता है।

अकन्थोसिस निगरिकन्स की वजह से

अकन्थोसिस निगरिकन्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें स्किन की परत काली, मोटी मखमली त्वचा बन जाती हैं।

PCOS की वजह से हो सकती है गर्दन काली

जिन महिलाओं को पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होता है उनके ब्लड में इंसुलिन का स्तर बढ़ने लगता है। इंसुलिन का स्तर अधिक होने से गर्दन की स्किन का रंग काला पड़ने लगता है।

डायबिटीज की वजह से गर्दन पड़ती है काली

जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी है और जिनका ब्लड में शुगर का स्तर हाई रहता उनकी गर्दन का रंग काला पड़ सकता है।

किस टेस्ट की मदद से गर्दन के कालेपन का लगाएं पता

गर्दन में कालापन किस बीमारी की वजह है इसका पता लगाने के लिए आप सीरम इंसुलिन टेस्ट कराएं। ब्लड शुगर टेस्ट कराएं। लिवर टेस्ट कराएं तो आपकी गर्दन के कालेपन का पता चल सकता है।

गर्दन का कालापन दूर करने के लिए क्या करें

  • गर्दन का कालापन दूर करना चाहते हैं तो आप अपने वजन को कंट्रोल करें।
  • गर्दन की रेगुलर साफ-सफाई करें। गर्दन पर स्क्रब करें।
  • हॉर्मोन की जांच कराएं।
  • लैक्टिक एसिड बेस  क्रीम या फिर लोशन का इस्तेमाल करें।
  • स्किन पर परफ्यूम लगाने से बचें।
  • स्किन को रगड़े नहीं और स्किन पर सनस्क्रीन लगाएं।