घर हो या ऑफिस अक्सर लोग कुर्सी या सोफे पर एक पैर के ऊपर दूसरा पैर चढ़ाकर बैठ जाते हैं। खासकर महिलाएं क्रॉस लेग पोश्चर में ज्यादा बैठती हैं। 8 से 9 घंटे की सिटिंग जॉब में लोग घंटों इस स्थिति में बैठकर बिता देते हैं, जो कई बार हमें आरामदायक भी लगता है और कभी-कभी ये आराम स्टाइल में भी शुमार हो जाता है। हालांकि, अगर आप भी ऐसा ही कुछ करते हैं, तो बता दें कि अनजाने में आप अपनी सेहत को कई गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं।

जी हां, लंबे समय तक क्रॉस लेग करके बैठना आपकी सेहत को कई तरह से प्रभावित करता है। साथ ही ये आदत आपके लिए खतरनाक भी हो सकती है। बैठने के इस तरीके को लेकर हुए कई शोध के नतीजे बताते हैं कि क्रॉस लेग पोजिशन से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

हो सकती है ब्लड क्लॉटिंग की समस्या

लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक, पैरों को क्रॉस करके बैठने से शरीर के निचले अंगों की रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में स्ट्रेस आता है। धीरे-धीरे ये स्ट्रेस नसों के माध्यम से खून की गति को धीमा करने लगता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग की समस्या होने लगती है।

हार्ट को हो सकता है नुकसान

जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, पैर के ऊपर पैर रखकर बैठने से खून की गति धीमी हो जाती है, ब्लड ऊपर से नीचे की तरफ आना बंद कर देता है, ऐसे में दिल में ज्यादा ब्लड पहुंचने लगता है। ऐसा होने पर बॉडी में ब्लड सर्क्यूलेशन बिगड़ जाता है और लंबे समय में ये हार्ट को नुकसान पहुंचाने का कारण भी बन सकता है।

बढ़ जाता है नर्व पैरालिसिस का खतरा

लंबे वक्त तक पैरों को क्रॉस करके बैठने पर नसों को नुकसान पहुंचने का खतरा भी बढ़ सकता है। इस पोश्चर में बैठने पर पैरों की नसों पर प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे नसों के डेमेज होने का खतरा रहता है। इतना ही नहीं, घंटों इस पोस्चर में बैठने पर व्यक्ति पेरोनोल नर्व पैरालिसिस का शिकार भी हो सकता है।

स्पर्म प्रोडक्शन में आ सकती है कमी

गौरतलब है कि अधिक तापमान पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को कम कर सकता है, जिससे स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करना कठिन हो सकता है। वहीं, रिसर्च में बताया गया है कि नॉर्मल बैठने पर अंडकोष का तापमान पहले से 2C (35.6F) तक होता है, वहीं जब पुरुष क्रॉस लेग पोजिशन में बैठते हैं तो यह आंकड़ा बढ़कर 3.5C (38.3F) तक हो जाता है। ऐसे में एक पैर को दूसरे पैर के ऊपर रखकर बैठने से पुरुष के स्पर्म काउंट पर भी असर पड़ सकता है।

पीठ और गर्दन में दर्द का बन सकता है कारण

क्रॉस लेग पोजिशन में बैठने पर हिप्स पर अधिक प्रेशर पड़ता है, जिससे पेल्विक बोन पर भी बुरा असर पड़ने लगता है। बता दें कि पेल्विक रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करती है, ऐसे में जब इस बोन पर दबाव पड़ता है, तब व्यक्ति को गर्दन, कंधों के आसपास और पीठ के निचले और मध्य भाग में भी तेज दर्द का असहास होने लगता है। अगर आप भी अक्सर इस तरह के दर्द से परेशान रहते हैं, तो आपको तुरंत अपना पोश्चर सही कर बैठने की जरूरत है।

घुटने और हड्डियां भी हो सकती हैं कमजोर

इन सब के अलावा रोजाना घंटों तक इस स्थिति में बैठने की ये आदत आपके घुटनों और हड्डियों को भी बेहद कमजोर बना सकती है। पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने से अक्सर एक घुटने पर दबाव बढ़ जाता है। साथ ही ये पैरों में सूजन का कारण भी बनती है। ऐसे में क्रॉस लेग कर बैठने की आदत को तुरंत बदलें। इससे अलग आपको थोडे़-थोड़े समय बाद अपनी सिटिंग पोजिशन को भी बदलने की आदत डालनी चाहिए। साथ ही कुछ देर खड़े और चलते-फिरते भी रहना होगा। अपने पैरों में मूवमेंट बनाए रखें। इस तरह आप खुद को कई बीमारियों के खतरे से बचा सकते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।