पिछले तीन सालों से सर्दी आते ही कोविड-19 नया रुप बदलकर लोगों को परेशान करने लगता है। केरल में नए कोविड-19 सब-वेरिएंट,JN.1 के मामलें सामने आए हैं। गोवा में नमूनों की जांच में JN.1वेरिएंट के 15 मामलों की पुष्टि की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल में 8 दिसंबर को कोविड-19 के सब-वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला सामने आया था। इस वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि इस वेरिएंट से होने वाला संक्रमण अलग-अलग लक्षण पैदा करता है या फिर यह बाकी वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है।
हालांकि सरकारी विज्ञाप्ति में सूचिक किया गया है कि कोविड-19 वैक्सीन इस नए वेरिएंट पर भी असरदार साबित होगी। नए साल और क्रिसमस के मौके पर बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा होने वाले हैं ऐसे में अगर इस वायरस से जुड़े लक्षण और उसकी गंभीरता के बारे में पता नहीं हो तो लोगों के लिए मुसीबत बढ़ सकती है। आइए जानते हैं कि कोविड-19 के इस नए वैरिएंट कै लक्षण कौन-कौन से हैं? क्या ये स्थिति को गंभीर कर सकते हैं? उनसे बचाव कैसे किया जाए।
JN.1 वेरिएंट के लक्षण कौन-कौन से हैं?
पिछले तीन सालों में कोविड-19 के जितने भी मामले सामने आए हैं उनके लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। सरकारी विज्ञाप्ति के मुताबिक JN.1 से गंभीरता बढ़ने का कोई संकेत नहीं है। इस समय इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 कि कोविड-19 का ये वेरिएंट बाकी वेरिएंट की तुलना में लोगों की सेहत के लिए एक बढ़ा जोखिम हो सकता हैं।
JN.1 का परीक्षण करने का सबसे आसान तरीका क्या है?
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट कोविड के इस नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए भरोसेमंद तरीका है।
नए साल और क्रिस्मस के जश्न में किन नियमों का पालन करना है जरुरी
स्वास्थ्य मंत्रालय का नोट श्वसन हाईजीन का पालन करने की सलाह देता है। रेस्पिरेटरी हाइजीन से मतलब है कि भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क का इस्तेमाल करें। सर्दी जुकाम और छींके आ रही हैं तो मास्क मुंह से नहीं निकालें। मुंह पर रूमाल रखकर ही छींक मारें। ये बीमारी मुंह के ड्रॉपलेट्स से फैलती है इसलिए एक दूसरे से दूरी बनाकर रहें। बार-बार हाथ को वॉश करें,चेहरे और मुंह को छूने से पहले हाथ जरूर वॉश करें। सामाजिक दूरी बनाए रखें।
क्या बुजुर्गों को इस वेरिएंट से खतरा बढ़ गया है?
पीएसआरआई (PSRI) इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष और एम्स में पल्मोनोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. जीसी खिलनानी ने कहा भारत में ज्यादातर लोगों को कम से कम दो या तीन बार संक्रमण हुआ है। वहीं, 95 फीसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की कम से कम दो खुराकें मिल चुकी हैं इसलिए इस नए वेरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
एक्सपर्ट के मुताबिक जो लोग बूढ़े हैं और अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए त्योहारी सीजन के दौरान बार-बार हाथ धोना और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहना जरूरी है। बुजुर्गों को सलाह दी गई है कि अगर वो कहीं भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाना चाहते है तो वे N95 मास्क पहन सकते हैं। मास्क का इस्तेमाल करने से प्रदूषण, कोविड-19 और किसी भी अन्य श्वसन संक्रमण से बचाव होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक कोविड-19 के JN.1 वेरिएंट पर कोविड-19 की वैक्सीन भी असरदार साबित होगी।