Diabetes Patients amidst Covid-19: कोरोना से जंग जीत चुके लोगों को अब अपनी डायबिटीज पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस से डायबिटीज होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हाल ही में एक इंटरनैशनल केस स्टडी में यह पता चला है कि जिस व्यक्ति को कोरोना हो चुका है उसको डायबिटीज की चपेट में आने का खतरा बहुत ज्यादा है। युवाओं को इसका खतरा और भी ज्यादा हैं।

इस केस स्टडी में एक 19 साल के युवा में डायबिटीज के लक्षण दिखे। उस युवा कोरोना संक्रमित होने से पहले डायबिटीज से पीड़ित नहीं था। लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उसके शरीर में इंसुलिन कम होता चला गया। साथ ही इससे उसका वजन भी कम हुआ। चेकअप होने पर पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ही उसके शरीर में इंसुलिन की मात्रा में कमी आई है।

इस स्टडी के बाद डॉक्टरों ने भी यह माना कि कोरोना संक्रमित होने की वजह से ना सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों को डायबिटीज खतरा है, बल्कि इसकी वजह से युवाओं को भी डायबिटीज हो रही है। कम उम्र के लोगों को इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। बता दें कि जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज की बीमारी है कोरोना वायरस संक्रमण उनके लिए और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

कोरोना वायरस को पहले से ही एक जानलेवा बीमारी के रूप में देखा जाता रहा है। ऐसे में इस इंटरनेशनल स्टडी ने पहले से डायबिटीज से जूझ रहे लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज के मरीज का किसी और बीमारी के मरीज की तुलना में मौत का खतरा तीन से चार गुणा ज्यादा होता है।

स्टडी करने वाले डॉक्टरों की टीम का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से 2.1 प्रतिशत लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है। जबकि अगर किसी डायबिटीज के मरीज को कोरोना वायरस हो जाता है तो यह प्रतिशत बढ़कर 7.39 तक पहुंच सकता है। यह लगभग सामान्य से तीन गुणा ज्यादा है। इस समय डायबिटीज के मरीजों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है, ताकि वह संक्रमण की चपेट में आने बच सकें।

एम्स के डॉक्टरों का मानना है कि जो लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर ठीक हो चुके हैं, उन्हें अपने शरीर के बाकी टेस्ट जरूर करवाने चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कोरोना की वजह से उनके शरीर में कोई नहीं बीमारी आई है या नहीं। फिलहाल ऐसे लोगों को डायबिटीज का चेकअप करवाना बहुत जरूरी है।