निमोनिया एक गंभीर श्वसन संबंधी रोग है, जो मुख्य रूप से वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। सर्दियों के मौसम में इसका खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस समय ठंडी हवा और संक्रमण तेजी से फैलते हैं। यह रोग फेफड़ों में सूजन और पानी भरने की समस्या पैदा करता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। फोर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद के पल्मोनरी विशेषज्ञ डॉ. रवि शेखर झा के अनुसार, निमोनिया किसी भी उम्र में हो सकता है पर सर्दी में बच्चों और बुजुर्गों में अधिक गंभीर रूप लेता है। समय पर इलाज शुरू कर देने से बच्चों में वायरल निमोनिया 10-12 दिनों में ठीक हो सकता है।
निमोनिया क्या है?
हमारे शरीर में दो फेफड़े (Lungs) होते हैं। हर फेफड़ा कई छोटे-छोटे हिस्सों (lobes) में बंटा होता है। फेफड़ों तक हवा पहुंचाने के लिए एक बड़ी पाइप जैसी संरचना होती है जिसे विंड पाइप (Windpipe) या ट्रेकिया कहते हैं। ट्रेकिया दो भागों में बांटकर दोनों फेफड़ों तक जाती है। ये छोटी-छोटी नलिकाओं में विभाजित होकर अंत में एल्वियोली (Alveoli) नाम की संरचनाओं से जुड़ती हैं, जो अंगूर के गुच्छे की तरह दिखती हैं।
इन्हीं एल्वियोली के ज़रिए ऑक्सीजन खून में जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड शरीर से बाहर निकलती है। जब इन एल्वियोली में संक्रमण (infection) या सूजन (inflammation) हो जाता है, तो ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान रुक जाता है। यही स्थिति न्यूमोनिया कहलाती है।
निमोनिया कैसे होता है?
निमोनिया एक संक्रामक (infectious) बीमारी है, जो कई कारणों जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंगस,पैराोसाइट के कारण होती है। जब ये सूक्ष्म जीव फेफड़ों के अंदर पहुंच जाते हैं, तो वहां सूजन (inflammation) और तरल पदार्थ (fluid) जमा हो जाता है। इससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। जिन लोगों को इम्यूनिटी कमजोर होती है उन्हें ये संक्रमण जल्दी होता है।
निमोनिया के लक्षणों की बात करें तो (Symptoms of Pneumonia)
लगातार खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, तेज़ बुखार और ठंड लगना, सांस लेने में कठिनाई या सीने में जकड़न, थकान और शरीर में कमजोरी होना, सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना, बुजुर्गों में कभी-कभी मेंटल कन्फ्यूजन जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। बॉडी में निमोनिया के लक्षणों को पहचानकर ही उसका इलाज किया जाता है। बैक्टीरियल निमोनिया का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। वायरल निमोनिया का इलाज एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है। फंगल निमोनिया का इलाज एंटीफंगल दवाओं से किया जाता है।
निमोनिया से बचाव के उपाय (Prevention Tips)
- सर्दी-जुकाम से बचें और संक्रमण वाले लोगों से दूरी रखें।
- हाथों की सफाई रखें और बार-बार धोएं।
- धूम्रपान और प्रदूषित हवा से बचें।
- इम्यूनिटी को मजबूत करें। इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए मौसमी फल, सब्जियां और विटामिन C का सेवन करें।
- बुजुर्गों और बच्चों को निमोनिया वैक्सीन लगवाने चाहिए।
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