Health Tips: हम अपने दिन की शुरुआत एक हेल्दी नाश्ते के साथ करते हैं, ताकि हमारा शरीर एक्टिव रहे। बहुत से लोग सुबह के नाश्ते में ब्रेड खाना पसंद करते हैं। ऐसे में राई (Rye Ke Fayde) की ब्रेड को खाना शुरू कर दें। ये ब्रेड आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकती है। इसके सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम में कमी, बेहतर ब्लड शुगर नियंत्रण, हृदय और पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा बहुत कम हो जाता है।
कृषि, मत्स्य पालन और खाद्य मंत्रालय (Ministry of Fisheries and Food) द्वारा प्रकाशित 2023 खाद्य उपभोग रिपोर्ट के आंकड़े के मुताबिक, प्रोसेस्ड आटे से बदलकर राई में बदलना बहुत सी बीमारियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। राई की ब्रेड फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। अगर, आप वजन कम करना चाहते हैं तो राई की ब्रेड बहुत ही फायदेमंद हो सकती है। इसके सेवन से पाचन तंत्र और आंत के स्वास्थ्य को भी नियंत्रित किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह ब्रेड कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकती है।
कैसे कम होता है कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम
राई की ब्रेड अपनी कम वसा यानी वाली सामग्री के लिए जानी जाती है, इसे वजन कम करने या कैलोरी सेवन कम करने के लिए असरदार माना जाता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है और पाचन में सुधार करता है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाने वाले ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में भी मदद करती है।
हार्ट के अच्छी
राई की ब्रेड हमारे शरीर की धमनियों को साफ रखकर हृदय संबंधी समस्याओं को रोकता है। नियमित तौर पर इसका सेवन किया जाए तो हार्ट संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। यह फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकते हैं। राई कैंसर की रोकथाम के लिए भी एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ के रूप में काम करती है। एक अध्ययन के मुताबिक, राई की रोटी के सेवन को इंटरल्यूकिन 1 बीटा (IL-1β) और इंटरल्यूकिन 6 (IL-6) जैसे सूजन के कम मार्करों से जोड़ा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, राई में मौजूद फाइबर मल उत्पादन में वृद्धि, आंतों के स्वास्थ्य में तेजी और बैक्टीरिया के मेटाबॉलिज्म को बदलने का काम करती है। इससे कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है। इसमें लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
अध्ययनों के मुताबिक, इसके सेवन से हृदय रोग के जोखिम कारकों का स्तर कम होता है। 40 लोगों पर 8 सप्ताह तक किए गए एक अध्ययन में रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर राई या सफेद गेहूं की रोटी से अपने डेली कैलोरी का 20 प्रतिशत खाने के प्रभावों की तुलना की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि राई की रोटी सफेद गेहूं की रोटी की तुलना में पुरुषों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में अधिक प्रभावी है और यह खराब कोलेस्ट्रॉल को 14 प्रतिशत तक कम करती है।