बेल पत्र या बेल के पत्ते जिनका भारत में धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से बहुत महत्व है। ये पत्ते भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं और इन पत्तों का आयुर्वेद में भी खासा महत्व है। सबसे पहले इन पत्तों में मौजूद पोषक तत्वों की बात करते हैं, इसमें विटामिन A, विटामिन C, विटामिन B1, विटामिन B6, साथ ही कैल्शियम और फाइबर भी मौजूद होता है जो हमारी बॉडी की हेल्थ के लिए उपयोगी है। आयुर्वेद में इन पत्तों को पेट की औषधि कहा जाता है। जिन लोगों को कब्ज, एसिडिटी,अपच और पेट फूलने की परेशानी है उनके लिए ये पत्ते जादुई असर करते हैं।
बेल पत्र का नियमित सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है। इन पत्तों का सेवन करने से दिल की सेहत में सुधार होता है और लिवर भी हेल्दी रहता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक बेल पत्र को दिन के किसी भी समय खाया जा सकता है, लेकिन खाली पेट सुबह इसका सेवन सबसे ज्यादा फायदा होता है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया बेल एक ऐसी औषधि है जो पेट के लिए अमृत है। इस फल की तरह ही इसके पत्ते भी पेट का इलाज करते हैं, जिनका सेवन आप पूरे साल कर सकते हैं। बेल के पत्तों का सेवन पेट की औषधि है जिससे कब्ज दूर होता है, मल सॉफ्ट होता है,पेट की सफाई होती है,आंतों की सूजन कंट्रोल होती है और कोलाइटिस का इलाज होता है। इन पत्तों का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। ये पत्ते गैस, अपच जैसी समस्याएं दूर करता हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बेलपत्र का सेवन करने से कैसे कब्ज का इलाज होता है।
बेलपत्र का सेवन करने से कब्ज कैसे दूर होता है?
हर सुबह बेलपत्र का सेवन करने से गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। इन पत्तों को खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है। जिन लोगों को पाइल्स की समस्या है उनके लिए खाली पेट इन पत्तों का सेवन दवा की तरह साबित होता है। बेल पत्र पाचन तंत्र को मज़बूत बनाता है, जिससे पेट से जुड़ी लगभग सभी समस्याओं में आराम मिलता है।
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक बेल पत्र में विरेचक गुण मौजूद होते है जिसका मतलब मल को बाहर निकालने की क्षमता से है। बेल पत्र आंतों की गति को तेज करता है और जमा हुआ मल बाहर निकालने में मदद करता है। ये पत्ते वात और पित्त को बैलेंस करते हैं, जिससे आंतों की सूखी और धीमी गति नॉर्मल हो जाती है। बेल पत्र में फाइबर और म्यूकिलेज जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो मल को सॉफ्ट बनाते हैं और आंतों में चिकनाहट देते हैं जिससे मल आंतों से आसानी से बाहर आता है। ये पत्ते पाचन सुधारते हैं और पेट की गहराई से सफाई करते हैं, जिससे पुराना कब्ज भी धीरे-धीरे दूर होता है। इन पत्तों का सेवन करने से आंतों की सुजन कंट्रोल रहती है।
बेलपत्र के सेहत के लिए फायदे
बेलपत्र का सेवन करने से न सिर्फ पाचन दुरुस्त रहता है बल्कि दिल भी हेल्दी रहता है। ये पत्ते इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और बीमारियों से बचाव करते हैं। इसमें बॉडी को ठंडा रखने वाले गुण भी मौजूद होते हैं जो गर्मी में बॉडी को कूल रखते हैं। डायबिटीज मरीज अगर रोज इन पत्तों का सेवन करें तो आसानी से ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। बॉडी को हेल्दी रखने के लिए सुबह खाली पेट 2-3 ताजे बेल पत्र धोकर खा लें। आप बेल पत्र का रस 5-10 ml निकालकर भी ले सकते हैं। बेल पत्र का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है। आप इन पत्तों का सेवन उसका काढ़ा बनाकर भी कर सकते हैं।
डायबिटीज का दुश्मन हैं ये 4 वर्कआउट्स, 400 mg/dL शुगर भी हो जाएगा मिनटों में नॉर्मल, रक्त शर्करा हो जाएगा मैनेज। पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।