दांत और मसूड़ों की सेहत केवल मुंह तक सीमित नहीं बल्कि पूरी बॉडी की हेल्थ से जुड़ी होती है। अगर दांत ठीक से खाना नहीं चबाते, तो भोजन ठीक से पच नहीं पाता। अधूरा पाचन कब्ज, गैस, एसिडिटी, सिरदर्द, थकान और इम्युनिटी कमज़ोर होने जैसी समस्याओं को जन्म देता है। यही वजह है कि ओरल हेल्थ को मेंटेन करना सिर्फ सुंदर मुस्कान के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण सेहत के लिए जरूरी है। अक्सर लोग दांतों की सफाई के लिए घरेलू उपाय अपनाते हैं जैसे लौंग पाउडर, हल्दी, सेंधा नमक, सरसों का तेल या नीम की पत्तियां।
ये सब पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाते रहे हैं और कुछ हद तक असरदार भी हैं। लेकिन आयुर्वेद में एक और ऐसा हर्बल पौधा बताया गया है, जो दांतों और मसूड़ों के लिए प्राकृतिक औषधि का काम करता है, इसका नाम है तिलचट्टा, जिसे अप्पा मार्ग या चिरचिट्टा के नाम से भी जाना जाता है। इन पत्तों को चबाने या मंजन बनाकर इस्तेमाल करने से दांतों की गहरी सफाई होती है। यह प्लाक buildup को कम करता है और मसूड़ों में सूजन और ब्लीडिंग को कंट्रोल रखता है।
डॉक्टर भूषण रिसर्च लैब के डॉक्टर भूषण के अनुसार तिलचट्टा के पत्तों का नियमित इस्तेमाल दांतों को मजबूत और हेल्दी बनाता है। इस पत्ते को मंजन के रूप में इस्तेमाल करने पर दांतों की सेंसिटिविटी कम होती है और गर्म या ठंडे खाने-पीने से होने वाली संवेदनशीलता घटती है। साथ ही सांसों की दुर्गंध भी दूर रहती है।
तिलचट्टा के पत्तों के फायदे
पीले दांतों को सफेद करना
तिलचट्टा के पत्तों का सेवन उसका मंजन बनाकर करें तो दांतों की सतह की गंदगी हट जाएगी और दांत चमकदार बनेंगे।
मसूड़ों की सुरक्षा करते हैं ये पत्ते
तिल चट्टे के मंजन से दांतों को साफ करने से मसूड़ों में सूजन और ब्लीडिंग कंट्रोल रहती है। ये पत्ते मसूड़ों से ब्रश करने पर खून आने की परेशानी का इलाज करते हैं।
दांतों को करते हैं मजबूत
ये पत्ते दांत मजबूत और सड़न कम करते है। अगर आप इन पत्तों का मंजन बनाकर सुबह शाम दांतों को साफ करते हैं तो गम हेल्थ में सुधार होता है और दांत मजबूत होते हैं।
सेंसिटिविटी कम करते हैं ये पत्ते
अगर आपके दांतों पर ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, गर्म गर्म चाय और दूध लगता है तो आपके दांत संवेदनशील हो गए हैं। इस पत्ते का मंजन इस्तेमाल करने से दांतों की सेंसिटिविटी कम होती है।
मुंह की दुर्गंध होती है दूर
इस मंजन का इस्तेमाल दांतों पर करने से मुंह की बदबू दूर होती है और ओरल हेल्थ में सुधार होता है। इस पत्ते का इस्तेमाल मंजन या माउथ फ्रेशनर के रूप में करने से सांसों की बदबू दूर होती है और माउथ फ्रेश रहता है।
तिलचट्टा के पत्तों का माउथवॉश
4–5 पत्तियों को 1 कप पानी में 3–4 मिनट उबालें, छानकर सुबह और शाम कुल्ला करें। यह घर पर आसान और प्रभावी माउथवॉश बन जाता है।
तिलचट्टा के पत्तों से मंजन
सूखी पत्तियों का पाउडर सरसों के तेल या शहद के साथ मिलाएं और मसूड़ों पर 2–3 मिनट हल्की मसाज करें। फिर गुनगुने पानी से कुल्ला करें। यह मंजन सेंसिटिव दांतों को नॉर्मल बनाएगा, पीले दांतों को सफेद करेगा और कुल मिलाकर ओरल हेल्थ में सुधार लाएगा।
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