हमारी आंत सिर्फ खाना पचाने का काम नहीं करती, बल्कि यह दिमाग से संवाद करती है, मूड को प्रभावित करती है और इम्युनिटी को भी मजबूत बनाती है। पोषण विज्ञान में हुई हालिया रिसर्च से पता चला है कि हम क्या खाते हैं, कैसे खाते हैं और कब खाते हैं, इसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र में मौजूद अरबों-खरबों माइक्रोब्स पर पड़ता है। आंत की सेहत (Gut Health) का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। आंत की सेहत का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम, मानसिक स्वास्थ्य और संपूर्ण शरीर पर पड़ता है।

आंत की सेहत को दुरुस्त करने के लिए डाइट का ध्यान रखना और तनाव को कंट्रोल करना बेहद उपयोगी है। आंत को हेल्दी रखने में प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन दवा का काम करता है। प्रोबायोटिक फूड आंत में गुड बैक्टीरिया बढ़ाते हैं। जब गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं तो आंत में खराब और गुड बैक्टीरिया का संतुलन बना रहता है और आंत हेल्दी रहती है।

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कुछ आम लेकिन आंत के लिए बेहद खास फूड्स के बारे में बताया जो आपकी गट हेल्थ पर गहरा असर डालते हैं। इन फूड्स को रोज खाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और ओवरऑल हेल्थ में सुधार होता है। फर्मेंटेड फूड गुड बैक्टीरिया से तैयार होते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र और आंतों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे फर्मेंटेड फूड्स है जिनका सेवन करने से आंतों की सेहत में सुधार होता है, ब्लोटिंग कंट्रोल रहती है और पाचन भी ठीक रहता है।

ग्रीन केला है प्रीबायोटिक का पावरहाउस

थोड़ा कच्चा हरा केला भले ही सबको पसंद न हो, लेकिन डॉ. सेठी के मुताबिक यह रेसिस्टेंट स्टार्च से भरपूर होता है जो एक ऐसा कार्बोहाइड्रेट है जो फाइबर की तरह काम करता है, न कि शुगर की तरह। यह स्टार्च गट बैक्टीरिया को फीड करता है और ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ाता। जब गट बैक्टीरिया इस स्टार्च को फर्मेंट करते हैं तो शॉर्ट चेन फैटी एसिड्स बनते हैं, जो आंत की परत को मजबूत करते हैं और इंफ्लेमेशन को कम करते हैं। पके केले की तुलना में हरे केले में कम शुगर और ज्यादा फाइबर होता है, इसलिए यह माइक्रोबायोम को सपोर्ट करने और एनर्जी लेवल को बनाए रखने के लिए बेहतर विकल्प है।

हल्दी, अदरक और सौंफ, नेचर के है डाइजेस्टिव हीलर्स

हल्दी, अदरक और सौंफ सदियों से आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं। डॉ. सेठी बताते हैं कि ये तीनों मसाले न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि सूजन को कम करने और गट लाइनिंग को मजबूत करने में भी मदद करते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, अदरक एंजाइम प्रोडक्शन बढ़ाती है और मतली कम करती है, जबकि सौंफ गैस, ब्लोटिंग और ऐंठन को कम करती है। इन मसालों का सेवन आप रोजाना करें तो आपकी गट हेल्थ में सुधार होगा।

फर्मेंटेड फूड्स हैं असली प्रोबायोटिक स्रोत

डॉ. सेठी के अनुसार, दही, केफिर और सौकरॉट जैसे नेचुरल फर्मेंटेड फूड्स जीवित प्रोबायोटिक बैक्टीरिया से भरपूर होते हैं। ये फूड्स हमारे गट इकोसिस्टम को हेल्दी रखने में मदद करते हैं और इम्युनिटी बढ़ाते हैं। असली फर्मेंटेड फूड्स नेचुरल और क्लीन प्रोबायोटिक बूस्टर हैं। रोजाना थोड़ी मात्रा में इनका सेवन करने से पाचन सुधरता है, सूजन घटती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।

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