जोड़ों में दर्द (Joint Pain) कई कारणों से हो सकता है। बढ़ती उम्र, खराब लाइफस्टाइल, गठिया, यूरिक एसिड का बढ़ना, जोड़ों में चोट या मोच आना, बढ़ता वजन, संक्रमण जैसे वायरल फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया में जोड़ों में दर्द हो सकता है। बॉडी में विटामिन D और कैल्शियम की कमी होने से भी हड्डियों में दर्द हो सकता है। खराब लाइफस्टाइल भी जोड़ों के दर्द का कारण बनती है। जोड़ों के दर्द को कई तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि इसका पूरा इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि जोड़ों के दर्द का कारण क्या है। आमतौर पर जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए जो उपाय अपनाए जाते हैं उसमें आराम करना, एक्सरसाइज करना, वजन कंट्रोल करना, गर्म और ठंडी सिकाई करना और डॉक्टर की सलाह से ली जाने वाली दवाओं का सेवन करके दर्द का इलाज होता है। लंबे समय तक जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो गई है और उसकी वजह से ऑस्टियोआर्थराइटिस, ऑस्टियोपीनिया, रुमेटॉयड आर्थराइटिस या गाउट जैसी समस्याएं हो रही हैं तो आप आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से करें इन सभी बीमारियों का इलाज। आयुर्वेद में ऐसे कई हर्ब है जो हड्डियों का दर्द दूर करते हैं और जोड़ों की सूजन भी कंट्रोल करते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे हर्ब है जिनका सेवन करके हम जोड़ों के दर्द, हड्डियों की कमजोरी को दूर कर सकते हैं।

गिलोय का करें सेवन

गिलोय को आयुर्वेद में अमृत कहा जाता है। ये एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जो हड्डियों को मजबूत बनाने और जोड़ों के दर्द को दूर करने में असरदार मानी जाती है। गिलोय का सेवन करने से हड्डियों की सूजन (Inflammation) कंट्रोल होती है और दर्द से राहत मिलती है। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर गिलोय का सेवन करने से ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटॉयड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों का इलाज करने में मदद मिलती है। इस हर्ब का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इससे ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे रूमेटॉयड आर्थराइटिस के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। गिलोय का सेवन कैल्शियम का अवशोषण बेहतर बनता है और हड्डियों की कमजोरी जैसे ऑस्टियोपीनिया और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव होता है। ये हर्ब बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालता है और यूरिक एसिड भी कंट्रोल करता है।

एलोवेरा जूस का करें सेवन

आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में एलोवेरा को एक प्राकृतिक दर्द निवारक और सूजन कम करने वाला माना जाता है। एलोवेरा जूस का सेवन करके आप हड्डियों के दर्द का इलाज कर सकते हैं। एलोवेरा में सूजन-रोधी गुण मौजूद होते हैं जो गठिया (Arthritis), जोड़ों में सूजन और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। ये हर्ब जोड़ों को लुब्रिकेट करता है, जिससे जोड़ों के बीच का घर्षण कम होता है और चलने-फिरने में आसानी होती है।

हल्दी का करें सेवन

हल्दी (Turmeric) एक ऐसा मसाला है जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसका सेवन करने से जोड़ों के दर्द और सूजन को कंट्रोल किया जा सकता है। हल्दी में सक्रिय घटक करक्यूमिन (Curcumin) होता है जो जोड़ों के दर्द में राहत देता है। हल्दी का सेवन करने से रुमेटॉइड आर्थराइटिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस की वजह से होने वाली
सूजन कंट्रोल होती है। हल्दी नेचुरल पेन रिलीवर है जो दवा का काम करती है। यह दर्द को कंट्रोल करती है और हड्डियों को फायदा पहुंचाती है। यह जोड़ों के घिसने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। आप हल्दी का सेवन दूध के साथ या फिर उसका काढ़ा बनाकर कर सकते हैं।

शिलाजीत का करें सेवन

शिलाजीत एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक रसायन है जिसे आयुर्वेद में हजार रोगों की एक दवा कहा जाता है। शिलाजीत का सेवन करने से न सिर्फ एनर्जी बूस्ट होती है बल्कि हड्डियों और जोड़ों के दर्द का भी इलाज होता है। शिलाजीत का सेवन करने से हड्डियों की घनता (Bone Density) बढ़ती हैं जिससे हड्डियां मजबूत होती है और जल्दी टूटने का डर नहीं रहता। इस हर्ब को खाने से हड्डियों की सूजन और जोड़ों में होने वाला दर्द कंट्रोल रहता है। शिलाजीत का नियमित सेवन जोड़ों को चिकनाई देता है और मूवमेंट को बेहतर बनाता है।

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