अगर बार-बार पेट की समस्या हो रही है तो इसे हल्के में नहीं लें। आंतों में सूजन होना पेट से जुड़ी एक ऐसी परेशानी है जिसे नजर अंदाज करना आपको गंभीर परेशानी में डाल सकता है। खराब डाइट की वजह से आपकी आंत में सूजन हो सकती है। आंत में सूजन से मतलब छोटी या बड़ी आंत की परत (lining) में जलन होना या सूजने से है। आंत में सूजन के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे इम्यूनिटी द्वारा किसी संक्रमण का होना या फिर एलर्जी की वजह से आंतों में सूजन हो सकती है। आंतों में सूजन होने पर पेट में तेजी से गैस बनने लगती है। सही खानपान, हेल्दी लाइफस्टाइल और समय पर इलाज करके इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।

गैस्ट्रो लीवर हॉस्पिटल कानपुर में गैस्ट्रोलॉजिस्ट और एंडोस्कोपिस्ट डॉक्टर वीके मिश्रा ने बताया अगर आप गट हेल्थ को दुरुस्त करना चाहते हैं और आंतों की सूजन को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप जंक फूड्स का सेवन करने से परहेज करें। जंक फूड्स का सेवन आपकी आंतों पर दबाव डालता है और आंतों में खराब बैक्टीरिया को बढ़ाता है और गुड बैक्टीरिया को मारता है। आंतों की सूजन को कंट्रोल करने के लिए और आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ाने के लिए डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आंतों की सूजन को कंट्रोल करने में कौन से ऐसे फूड है जो हमारी मदद कर सकते हैं और बिना दवा के ही इलाज कर सकते हैं।

आंतों में सूजन के लक्षण

एक्सपर्ट ने बताया आंतों में सूजन होने पर पेट में दर्द और सूजन हो सकती है। पेट दर्द गैस बनने के कारण हो सकता है। पेट में लगातार गैस बनना, दस्त और कब्ज दोनों तरह की परेशानी हो सकती है। पेट में गैस बनना, कमजोरी और थकान होना आंत में सूजन के लक्षण हैं। आंत में सूजन होने पर कभी-कभी मल के साथ खून भी आ सकता है।

डाइट से करें आंत की सूजन का इलाज

दही और छाछ लें

अगर आपकी बॉडी में आंत में सूजन के लक्षण दिख रहे हैं तो आप डाइट में दही और छाछ का सेवन करें। प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही और छाछ का सेवन करने से आंतों में खराब बैक्टीरिया मरते हैं और गुड बैक्टीरिया की संख्या में वृद्धि होती है। दही और छाछ खाने से पेट की गैस, एसिडिटी और अपच जैसी परेशानी कंट्रोल रहती है। ये फूड पेट की अग्नि को शांत करता है और पेट को ठंडा करता है। इनका सेवन करने से आंतों में जमा पुरा मल आसानी से बाहर निकल जाता है और गट हेल्थ में सुधार होता है।

लहसुन और प्याज खाएं

गट हेल्थ में सुधार करना चाहते हैं तो आप डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर लहसुन और प्याज का सेवन करें। हालांकि कुछ लोग लहसुन से परहेज करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें गट हेल्थ में सुधार के लिए इसे खाना चाहिए। लहसुन की दो से तीन कलियों का रोज सेवन आपकी गट की परेशानी को दूर कर सकता है। लहसुन आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है और खराब बैक्टीरिया को मारता है। प्याज नेचुरल प्रीबायोटिक है जबकि लहसुन गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है।

हरी सब्जियां और फल खाएं

आंतों की सेहत को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप डाइट में हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें। फाइबर से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन करने से आंतों की सेहत दुरुस्त रहती है। फाइबर एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है जो घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का होता है। फाइबर को हमारा शरीर पचा नहीं सकता, लेकिन यह पाचन तंत्र को सही ढंग से काम करने में मदद करता है। फाइबर खाने को आंतों में धीरे-धीरे आगे बढ़ाता है जिससे पोषक तत्व अच्छे से अवशोषित होते हैं। फाइबर गुड बैक्टीरिया का भोजन है जिससे बॉडी में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और आंत की हेल्थ दुरुस्त रहती है।

साबुत अनाज का करें सेवन

गट हेल्थ को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप डाइट में साबुत अनाज का सेवन करें। साबुत अनाज में कई तरह के विटामिन, खनिज, फाइबर, स्टार्च और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बॉडी को हेल्दी रखते हैं और गट हेल्थ में सुधार करते हैं। साबुत अनाज में भरपूर डाइटरी फाइबर होता है जो पाचन को दुरुस्त करता है। इसका सेवन करने से कब्ज से निजात मिलती है, मल सॉफ्ट होता है और आंतों की सेहत दुरुस्त रहती है। साबुत अनाज में मौजूद घुलनशील फाइबर गुड बैक्टीरिया का खाना है।

आंखों की रोशनी कम हो रही है और हर चीज़ दिखती है धुंधली, इन 4 आयुर्वेदिक तरीकों को अपना लें, 1 महीने में सब कुछ दिखेगा मोतियों की तरह चमकदार। पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो आप लिंक पर क्लिक करें।