कब्ज (Constipation) एक ऐसी पाचन समस्या है जिसमें इंसान को स्टूल पास करने में परेशानी होती है। यह स्थिति तब होती है जब आंतों में मल का संचार धीमा हो जाता है या मल कठोर हो जाता है। रोजाना मल का डिस्चार्ज होना नॉर्मल है। कुछ लोगों को हफ्ते में तीन से चार बार मल डिस्चार्ज होता है अगर इससे भी कम मल डिस्चार्ज हो तो उस स्थिति को कब्ज कहा जाता है।

कब्ज के लक्षणों की बात करें तो मल का कठोर होना और उसे डिस्चार्ज करने में परेशानी होना, मल डिस्चार्ज करने में दर्द होना, पेट में सूजन होना, पेट भरा हुआ महसूस होना शामिल है। कब्ज की बीमारी के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे पानी का कम सेवन करना, डाइट में फाइबर का कम सेवन करना और कुछ दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करना शामिल है।

कब्ज का इलाज दवाओं से करना कोई परमानेंट इलाज नहीं है। अगर आप भी रोजाना घंटों टॉयलेट में बैठते हैं फिर भी आपका पेट साफ नहीं होता तो आप पपीता का सेवन करें। पपीता फाइबर से भरपूर एक ऐसा फल है जिसका सेवन करने से कब्ज का इलाज होता है, आंतों की गंदगी साफ होती है और बॉडी हाइड्रेट रहती है। क्रोनिक कब्ज को दूर करने के लिए आप पपीता के साथ अलसी के बीज का भी सेवन करें। ये दोनों सुपर फूड पुरानी से पुरानी कब्ज को तोड़ते हैं,आंतों को साफ करते हैं और पाचन को दुरुस्त करते हैं। आइए जानते हैं कि पपीता और अलसी के बीज का सेवन कब्ज को दूर करने में कैसे असरदार है।  

 पपीता कैसे कब्ज का इलाज करता है

वेबएमडी के मुताबिक पपीता एक ऐसा फल है जो पाचन के लिए अमृत है। पपीता में फाइबर भरपूर होता है जो पाचन को दुरुस्त करता है और आंतों की गतिविधि को बढ़ाता है। पपीता में पैपेन नामक एंजाइम मौजूद होता है जो प्रोटीन के पाचन में मदद करता है और पाचन तंत्र को एक्टिव करता है। रोजाना पपीता का सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है और कब्ज दूर होती है। पपीता मल को सॉफ्ट करता है और पुरानी से पुरानी कब्ज को तोड़ता है। विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर पपीता पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। पपीते का सेवन रोजाना नियमित रूप से किया जाए तो आसानी से कब्ज का इलाज किया जा सकता है।

अलसी के बीज कैसे करते हैं कब्ज दूर

अलसी के बीज ऐसे सुपर फूड हैं जो कब्ज का रामबाण इलाज हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का फाइबर भरपूर होता है जो कब्ज को दूर करता है। ये फाइबर आंतों की सेहत दुरुस्त करता है और मल को सॉफ्ट करता है। अलसी के बीज पानी में भिगोने पर फैल जाते हैं और उनका साइज बढ़ जाता है। यह सीड्स आंतों में पानी को अवशोषित करते हैं और मल को सॉफ्ट बनाते हैं जिससे स्टूल पास करना आसान होता है। इन सीड्स का सेवन करने से बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और पाचन दुरुस्त रहता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर ये सीड्स सूजन को कंट्रोल करते हैं और पाचन में सुधार करते हैं।

पपीता और अलसी के बीज का सेवन कैसे करें

पपीते के जूस में करें इन सीड्स का सेवन
सामग्री:
1 कप पका हुआ पपीता
1 चम्मच अलसी के बीज (भिगोए हुए)

पपीते को जूसर में डालें और उसका जूस निकालें। जूस निकालने के बाद, भिगोए हुए अलसी के बीज को मिलाएं और उसका सेवन करें।

पपीते के चाट के साथ करें सीड्स का सेवन

पपीते के टुकड़े कर लें और उसके ऊपर अलसी के बीज को पीसकर उसका पाउडर मिलाकर खाएं।