Incredible Benefits Of Betel Leaf: हनुमान जी, देवी-देवताओं और खास देवताओं पर पान का पत्ता चढ़ाया जाता है। हिंदू धर्म में पान के पत्ते को ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतिनिधि करने वाला माना जाता है। पान के पत्ते का इस्तेनाल सिर्फ पूजा के दौरान ही नहीं किया जाता बल्कि ये पेट के लिए भी अनमोल है। दैवीय शक्तियों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाला पान का पत्ता बॉडी में जमा टॉक्सिन को बाहर भी निकालता है।
पान का पत्ते का सेवन अक्सर लोग सुपारी के साथ करते हैं। पान और सुपारी का बेहतरीन कॉम्बिनेशन आपकी सेहत के लिए वरदान है। पान और सुपारी एक न्यूरोलॉजिकल उत्तेजक हैं। इसका सेवन करने से नसें हल्की हो जाएंगी।
पान के पत्तों को कई नामों जैसे तांबूला,नागवल्ली, नागवल्लीदल,वैथलाई,विलेडेल, तांबूली,पर्ण और नागरबेल के नाम से जाना जाता है। आप जानते हैं कि पान के पत्ते में आपके पाचन को दुरुस्त करने की ताकत मौजूद है। पान के पत्ते में मौजूद एंजाइम पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और पेट से जुड़ी परेशानियों का इलाज करते हैं।
पान का पाचन पर असर
सदगुरु जग्गी वासुदेव ने बताया कि पान के पत्ते में बड़ी ताकत है। ये भटके हुए इंसान को राह दिखा सकता है। इस पत्ते में विटामिन-सी, विटामिन-ए, आयर, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बॉडी को हेल्दी रखते हैं। कभी कभी इसका सेवन करना बॉडी के लिए असरदार है। रात के खाने के बाद अगर पान और सुपारी का सेवन किया जाए तो पाचन पर सकारात्मक असर पड़ता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पान का पत्ता कैसे सेहत के लिए असरदार है और ये कैसे पाचन को दुरुस्त करता है।
खाने के बाद पान के पत्ते का सेवन करने के फायदे
इस पत्ते में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। सदगुरु ने बताया ये एक बेहतरीन पाचक है। इसकी क्षारीय प्रकृति होती है। इसका सेवन करने से बॉडी में अगर कुछ विषैले पदार्थ जमा हो गए हैं तो वो मल के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाते हैं। इसका सेवन करने से कोई भी अम्लीय ज़हर बेअसर हो जाता है। आप जानते हैं कि इसका सेवन करने से काफी हद तक कोबरा का ज़हर भी निष्क्रिय हो सकता है। खाने के बाद अक्सर लोग पान का सेवन सुपारी के साथ करते हैं। खाने को पचाने में बॉडी से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में ये पत्ता बेहद असरदार साबित होता है।
पान का पत्ता खाने के सेहत को फायदे
पाचन को दुरुस्त करने वाला पान का पत्ता एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है जो घाव और सूजन को कम करने में मदद करता हैं। खाने के बाद अगर इस पत्ते का सेवन किया जाए तो ओरल हेल्थ दुरुस्त रहती है। दांतों में फंसा खाना बाहर निकलता है। इन पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो मुंह के बैक्टीरिया से निजात दिलाते हैं। पान के पत्ते में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं जो मुंह के छालों से राहत दिलाते हैं। एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर पान का पत्ता गठिया और अस्थमा जैसी बीमारियों का उपचार करता है।
