आज के समय में अनियमित और अनहेल्दी खानपान के चलते कम उम्र में कब्ज जैसी पाचन संबंधी परेशानी बेहद आम हो गई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी भी उम्र का व्यक्ति अगर एक हफ्ते में 3 से कम बार फ्रैश होता है, तो इस स्थिति को कब्ज से जोड़कर देखा जा सकता है। दरअसल, कब्ज होने पर व्यक्ति को मल त्यागने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ये स्थिति पीड़ित को शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह से प्रभावित करने लगती है। कई-कई दिनों तक पेट साफ न होने की स्थिति में समय-समय पर पेट में दर्द, ऐंठन, एसिडिटी, गैस आदि समस्याएं परेशानी का सबब बन जाती हैं, इसके साथ ही पीड़ित को भूख का एहसास भी कम होता है। ऐसे में वह फिर कब्ज से जल्द खुटकारा पाने के तरीके खोजने में लग जाता है।

वहीं, अगर आप भी ऐसे ही किसी तरीके की तलाश में हैं, तो बता दें कि हाल ही में पोषण विशेषज्ञ पूजा मखीजा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर कर कब्ज से निजात पाने के लिए एचएमएफ रूल (HMF Rule) को असरदार बताया है। आइए जानते हैं क्या है ये खास तरीका-

क्या है HMF Rule?

वीडियो में HMF का मतलब समझाते हुए न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, ‘ये एक सिंपल रूल है, जिसे सही तरीके से फॉलो करने पर आप जल्द और आसानी से कब्ज जैसी पांचन संबंधी परेशानी से निजात पा सकते हैं। यहां H का मतलब है हाइड्रेशन यानी जलयोजन, M का मतलब है मूवमेंट यानी शारीरिक गतिविधि और F का मतलब है फाइबर।’ अब समझते हैं इन तीनों चीजों को विस्तार से-

H- हाइड्रेशन

वीडियो में हाइड्रेशन को लेकर बात करते हुए पूजा मखीजा बताती हैं, ‘अगर आप एक दिन में 2-3 लीटर से कम पानी पीते हैं, तो ऐसे में आपका मल कठोर होने लगता है, जिसे त्यागना बेहद कठिन हो जाता है। इससे अलग ज्यादा मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन भी कब्ज का कारण बन सकता है। दरअसल, चाय/कॉफी में कैफीन मौजूद होता है, जो शरीर से पानी सोखने का काम करता है। आसान भाषा में कहें, तो चाय/कॉफी पीने से हमारा शरीर डिहाइड्रेट होने लगता है। ऐसे में चाय/कॉफी का सेवन कम करें, साथ ही शरीर में पानी की कमी भी न होने दें।’

M- मूवमेंट

न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, कब्ज से निजात पाने के लिए शारीरिक गतिविधि बेहद जरूरी है। शारीरिक गतिविधि में कमी बाउल मूवमेंट को बाधित करने लगती है। ऐसे में लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से बचें। साथ ही खासकर खाने के बाद कम से कम 10 मिनट वॉक जरूर करें।

F- फाइबर

आखिर में फाइबर के बारे में बात करते हुए पूजा मखीजा बताती हैं कि पाचन और बाउल मूवमेंट को बेहतर करने के लिए फाइबर भी बेहद जरूरी है। फाइबर की कमी भी कब्ज का कारण बन सकती है। ऐसे में अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर चीजों को शामिल करना न भूलें।

वहीं, पूजा मखीजा के इस वीडियो को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मीरा रोड के कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक टिबड़ेवाल ने बताया, ‘पाचन को दुरुस्त रखने और कब्ज से निजात पाने के लिए लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करना सबसे अधिक जरूरी है। अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और फलियों को शामिल करें। फाइबर मल में मात्रा जोड़ने में मदद करता है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही शरीर में पानी की कमी भी न होने दें।’

खानपान के अलावा, नियमित शारीरिक गतिविधि पर जोर देते हुए गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने कहा, ‘फिजिकल एक्टिविटी या नियमिक तौर पर की गई एक्सरसाइज बाउल मूवमेंट बेहतर करती है, जिससे आपको पांच संबंधी समस्याओं का कम सामना करना पड़ता है। इसके अलावा फ्रैश होने के लिए एक समय तय कर लें। एक ही समय पर मल त्याग करने का प्रयास करना भी कुछ व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।’

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।