बरसात के मौसम में वायरल फीवर का खतरा बढ़ जाता है। बारिश के कारण बड़ी तादाद में मच्छर पैदा हो जाते हैं, जिसकी वजह से डेंगू, मलेरिया समेत वायरल फीवर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। ऐसे में जुलाई से सितंबर के महीने में बहुत अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। जानें माने कंसलटेंट फिजिशियन डॉक्टर अमरेंद्र झा ने बताया कि बरसात के मौसम में बुखार होने के पांच सामान्य कारण होते हैं। जिसकी वजह से, आपको बुखार, खांसी-जुकाम समेत कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर इन पांच लक्षणों पर आप ध्यान देंगे तो 95 प्रतिशत तक मरीजों को ठीक किया जा सकता है।
वायरल इंफेक्शन: बरसात के मौसम में लोगों को इंफेक्शन के कारण बुखार हो जाता है। इंफेक्शन के कारण हुए बुखार में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस दौरान आपको बुखार के साथ ही नाक और आंख से पानी निकलने की समस्या और हल्दी खांसी हो सकती है। इसमें लक्षणों के हिसाब से डॉक्टर्स इलाज करते हैं। इंफेक्शन के कारण हुए बुखार को ठीक होने में 7-8 दिन का समय लग सकता है।
गले के इंफेक्शन (Upper Respiratory Tract Infection) के कारण बुखार: कुछ लोगों को गले में इंफेक्शन के कारण बुखार हो सकता है। इस दौरान खांसी की समस्या भी होती है। गले में ज्यादातर बैक्टीरिया के कारण इंफेक्शन होता है। इस बीमारी में मरीज 5 से 8 दिनों में ठीक हो जाता है।
पेट में दर्द के कारण बुखार (Viral Gastroenteritis): एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको बुखार के साथ-साथ पेट में दर्द, उलटी या फिर दस्त की समस्या हो रही है तो इस बीमारी को वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस कहा जाता है। बरसात के मौसम में बाहर की चीजें खाने से यह बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में भी लक्षणों के हिसाब से दवाइयां दी जाती हैं।
डेंगू: डेंगू की बीमारी में बुखार के साथ ही बदन दर्द, सिर में तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द और शरीर पर लाल चकत्ते बन जाते है। इस बीमारी में प्लेटलेट्स कम होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इस बीमारी का इलाज भी लक्षणों के हिसाब से किया जाता है।

