कोलन कैंसर आमतौर पर कोलन की अंदरूनी परत में छोटे-छोटे पोलिप्स (polyps) के रूप में शुरू होता है। समय रहते इलाज न किया जाए तो ये पोलिप्स कैंसर में बदल सकते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं। कोलन कैंसर जिसे बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है। इस बीमारी को पहले केवल बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह कम उम्र के युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 10 से 44 साल की उम्र के लोगों में कोलन कैंसर के मामलों में बीते दो दशकों में खतरनाक तरीके से वृद्धि हुई है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के आंकड़े बताते हैं कि इस बीमारी से ग्रसित हर 5 में से 1 मरीज की उम्र 55 वर्ष से कम होती है। यह स्पष्ट संकेत है कि यह बीमारी अब उम्र नहीं देखती।
कोलन कैंसर के प्रमुख कारणों की बात करें तो इसके लिए डाइट में फाइबर की कमी और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन करना,लंबे समय तक बैठना, शारीरिक गतिविधियों में कमी होना, अनुवांशिक कारक, धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन और आंतों की पुरानी समस्याएं जिम्मेदार हैं। युवाओं में बढ़ता मोटापा कोलन कैंसर का प्रमुख कारण बनता है। जर्नल साइंस में प्रकाशित एक न्यूज पेपर में पर्यावरण और अनुवांशिक कारकों को इस बीमारी के लिए जिम्मेदार माना गया है। आइए जानते हैं कि इस कैंसर के बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं।
- कोलन कैंसर के सामान्य लक्षण कैसे पहचानें
- पेट दर्द या पेट में ऐंठन होना
- मल के साथ खून आना
- वजन का तेजी से कम होना कोलन कैंसर के हो सकते हैं संकेत
- बार-बार दस्त या कब्ज की शिकायत होना
- हर वक्त थकावट या कमजोरी रहना
- पेट भारी होना या भरा-भरा महसूस होना कोलन कैंसर के हो सकते हैं लक्षण।
कोलन कैंसर से कैसे करें बचाव
- कोलन कैंसर से बचाव करना है तो आप डाइट में फाइबर रिच फूड्स का सेवन करें। डाइट में फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज खाएं।
- प्रोसेस्ड मीट और रेड मीट का सेवन करने से बचें
- नियमित एक्सरसाइज करें। रेगुलर वॉक और एक्सरसाइज करने से न सिर्फ बॉडी शेप में रहेगी बल्कि कोलन कैंसर से भी बचाव होगा।
- समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराएं, खासकर अगर कैंसर की फैमिली हिस्ट्री हो
डाइट में करें कुछ फलों का सेवन
अमेरिका के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, जोसेफ सलहब, डी.ओ.ने हाल ही में कोलन कैंसर से बचाव करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर फलों का सेवन करने की सलाह दी है। कुछ फल इस कैंसर से बचाव करने में असरदार साबित होते हैं। इस कैंसर से बचाव करने के लिए गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने तरबूज का सेवन करने की सलाह दी है। इस फल में लाइकोपीन भरपूर मौजूद होता जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। ये फल कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और बॉडी को हाइड्रेट रखता है और पाचन में सुधार करता है।
कोलन कैंसर से बचाव करने के लिए आप सेब का सेवन करें। सेब में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है और अधिक मात्रा में सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा 25% तक कम हो सकता है। सेब में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स एंटीऑक्सीडेंट और सूजन रोधी गुणों से भरपूर होते हैं।
कीवी का सेवन करने से भी कोलन कैंसर का खतरा कम होता है। विटामिन सी से भरपूर कीवी खाने से कोलन कैंसर का खतरा 13% तक कम होता है। यह फाइबर का बेहतरीन स्रोत है, जो पाचन में मदद करता है। कीवी में विटामिन C भरपूर होता है जो इम्यूनिटी को मजबूत करता है और दिल के रोगों से बचाव करता है। संतरे, ग्रेपफ्रूट, नींबू और लाइम जैसे सिट्रस फ्रूट का सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा 9% तक कम हो सकता है। आप अपनी डाइट में इन फलों को शामिल करें।