Cholestrol Cause, Symptoms, Test, Diet, Types, Foods: आज की व्यस्त दिनचर्या में कई लोग कोलेस्ट्रॉल की परेशानी से जूझते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की कुछ साल पहले की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग तीन-चौथाई लोगों के शरीर में लिपिड की मात्रा अनियमित है, वहीं, 72% भारतीयों में गुड कॉलेस्ट्रॉल की भी कमी है। लोगों के खान-पान का तरीका इसका एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना पड़ता है। पर आज भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें कोलेस्ट्रॉल के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।
क्या होता है कोलेस्ट्रॉल- हेल्दियंस की रिपोर्ट के अनुसार कोलेस्ट्रॉल एक वैक्सी पदार्थ है जो हमारे लीवर में अपने आप बनते जाता है। यह खून में पाया जाने वाला लिपिड है जिसका इस्तेमाल विटामिन D, कई तरह के हॉर्मोंस और हेल्दी सेल्स को बनाने में होता है। हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं। जहां गुड कोलेस्ट्रॉल दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है, वहीं बैड कोलेस्ट्रॉल हमारी आर्टरीज में ब्लॉक पैदा करके उन्हें सिकोड़ देता है। इससे स्ट्रोक और बाकी दिल की बीमारी होने का खतरा रहता है।
किसे है अधिक खतरा- वैसे लोग जिनके परिवार में कई लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी है, ज्यादा संभावना है कि वो भी इससे पीड़ित हो। इसके अलावा 45 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों और 55 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को समय-समय पर अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करावते रहना चाहिए। डायबिटीज से पीड़ित लोगों भी हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा रहता है। इसके अलावा मोटापे के शिकार लोगों को भी नियमित रूप से अपना कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए।
हो सकती हैं ये बीमारियां- हाई कोलेस्ट्रॉल होने के ऐसे कोई खास लक्षण होते इसलिए 40-45 साल के होने के बाद लोगों को हर तीन महीने पर कोलेस्ट्रॉल चेक कराने की सलाह दी जाती है। समय पर कोलेस्ट्रॉल के काबू नहीं होने पर लोग दिल की कई बीमारियों से घिर जाते हैं। ऐसे लोगों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मरीजों को उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) की शिकायत होती है और इन्हें स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है।
क्या हैं उपाय- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए लोगों को अधिक वसा (Fats) वाले खाने से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा तली-भुनी चीजें और मिठाइयों से भी दूरी बना लेनी चाहिए। इसके अलावा एवकाडोज, ऑलिव, पीनट बटर जैसे गुड कोलेस्ट्रॉल के स्रोतों को अपने आहार में शामिल करें। डाइट में प्रोटीन के होने से हमें दिन के 20 प्रतिशत जरूरी कैलरीज मिल जाते हैं। दूसरी तरफ, धूम्रपान नहीं करने से भी कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है। एक हेल्दी डाइट अपनाने से लोग इस समस्या से दूर रह सकते हैं, साथ ही कम तनाव लेना भी कारगर साबित होता है।

