Desi Gun Causes Severe Eye Injuries: दीपावली के जश्न के बीच मध्य प्रदेश में एक खतरनाक ट्रेंड ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए देसी कार्बाइड गन या कार वाइट गन नाम के एक पटाखे ने सैकड़ों बच्चों की आंखों की रोशनी छीन ली। पीवीसी पाइप से बनी इस गन को Instagram रील्स और YouTube शॉर्ट्स पर ग्रीन पटाखा बताकर दिखाया गया, जिससे बच्चे इसे एक कूल खिलौना समझ बैठे। लेकिन यह खिलौना नहीं, बल्कि जानलेवा हथियार साबित हुआ। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और विदिशा जैसे शहरों में 300 से ज्यादा बच्चे घायल हुए, जिनमें कई की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ भोपाल में ही 23 बच्चों को आंखों और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। अब सवाल ये उठता है कि बच्चा का दिल बहलाने वाला पटाखा कैसे उनकी आंखों का दुश्मन बन गया।

कार्बाइड गन ने कैसे ली आंखों की रोशनी

एम्स भोपाल के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर अनिल वर्मा ने बताया कि कार्बाइड गन में बनने वाली एसिटिलीन गैस आंख की कॉर्निया को 90% तक जला देती है। बच्चों के बिना सेफ्टी गियर इस्तेमाल करने के कारण खतरा और भी बढ़ जाता है। कई मामलों में कॉर्निया में सूजन और जलन पाई गई है, और कुछ बच्चों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराना पड़ा। डॉक्टरों का कहना है कि आंख बेहद संवेदनशील अंग है, इसलिए ज़रा सी चिंगारी भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।

कार्बाइड की गन का इस्तेमाल आजकल लोग पक्षियों को भगाने, खेतों से जानवरों को भगाने, तेज आवाज करने या फिर मजे के लिए भी इसका उपयोग कर रहे हैं, लेकिन ये बहुत ही खतरनाक है। इस गन में अचानक विस्फोट हो जाता है।  कभी-कभी इसमें जो नाल होती है, उसमें बार-बार जंग लगती है। इसलिए साफ करना पड़ता है और सफाई देखने के लिए जब उस छेद में से देखते हैं तो कभी-कभी अचानक विस्फोट हो जाता है।  उसमें बहुत तरह से इंजरी हो रही हैं जिससे कॉर्निया तक जल जाता है।

कार्बाइड गन का आंखों पर अटैक

इस गन की तेज़ चिंगारी और गर्मी सीधी तरह कॉर्निया यानी आंख की पारदर्शी सतह को जला देती है जिससे आंखों के सेंसिटिव ऊतकों में घाव, जलन और सूजन होती है। पाइप-गन से निकलने वाले टुकड़े या जलते कण आंख के अंदर घुसकर फिजिकल चोट और रोगजनक संक्रमण का कारण बनते हैं। इस कारतूस में कुछ मिश्रण  जैसे सल्फर, पोटाश जैसे रासायन होते हैं जिनसे जलन हो सकती है जो ऊतकों को और खराब कर देती है। गंभीर कॉर्निया बर्न, स्कारिंग या संक्रमण के कारण आंखों की रोशनी जा सकती है। कभी-कभी कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।

कार्बाइड गन से अटैक के बाद तुरंत दिखते हैं ये लक्षण

आंखों में तेज दर्द, आंसू, रोशनी सहन न होना, आंखों से धुंधला दिखना, आंख पर काले या सफेद धब्बे आना,आंख से खून आना।

तुरंत करें ये फर्स्ट-ऐड

कार्बाइड गन से अटैक के बाद  आंख को रब ना करें बल्कि आंखों को साफ पानी से धीरे-धीरे 10–20 मिनट तक धोएं। अगर किसी रसायन का संपर्क हुआ हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

इन बातों का रखें ध्यान

बच्चों को ऐसे ट्रेंड खिलौनों से दूर रखें।  घर में पाइप-गन या घरेलू विस्फोटक न बनवाएं। 

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