स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली महामारी की दूसरी लहर के दौरान और उसके बाद जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए 80 प्रतिशत से अधिक कोविड नमूनों में पाए गए कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से पहले ही उबर चुकी है।
उन्होने कहा कि केंद्र ने अभी तक आॅक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों के आंकड़े नहीं मांगे हैं और शहर में जल्द ही एक नया सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा। पिछले साल जून के अंत में किए गए पहले सीरो सर्वेक्षण में 22.6 प्रतिशत नमूनों में कोविड एंटीबॉडी पाए गए थे। जैन ने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक नमूनों को दूसरी लहर के दौरान जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया और उसके बाद डेल्टा स्वरूप की मौजूदगी पाई गई।

उन्होंने कहा कि क्योंकि डेल्टा स्वरूप भारत में उत्पन्न हुआ है, हम पहले ही दूसरी लहर के दौरान इस स्वरूप के प्रकोप का सामना कर चुके हैं। अन्य देशों को खुद को तैयार करने की जरूरत है, क्योंकि यह वहां फैल रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पहले ही डेल्टा स्वरूप से जूझ चुकी है और उससे उबर चुकी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने यह भी बताया है कि दिल्ली दूसरी लहर के दौरान डेल्टा स्वरूप से जूझ रही थी। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह अब हमारे लिए चिंता का कारण होना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 12,000 आईसीयू बिस्तर सहित 37,000 बिस्तरों को तैयार कर रही है।

मच्छरों के प्रजनन पाए जाने पर 58 थानों को नोटिस

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के जनस्वास्थ्य विभाग ने पुलिस थानों में मच्छरों के प्रजनन का पता लगाने और उसके नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के अंतर्गत 118 पुलिस थानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 62 में मच्छरों का प्रजनन पाया गया। विभाग ने इन थानों को 58 नोटिस और चालान जारी किए।

सभी नोटिस और चालान दिल्ली नगर निगम, मलेरिया और अन्य मच्छरजनित बीमारी, उपनियम 1975 प्रावधान के अंतर्गत जारी किए गए। पुलिस थानों और उनके मालखानों में मच्छर प्रजनन काफी अधिक पाया गया। (जसं)