कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है जिसके लिए जागरुक होना बेहद जरूरी है। इस बीमारी का समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो ये जानलेवा हो सकती है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 से 2019 के बीच 7.08 लाख नए कैंसर मामले सामने आए हैं और 2.06 लाख मरीजों की मौत हुई है। आंकड़ों की मानें तो 2024 में भारत में लगभग 15.6 लाख नए कैंसर के मामले सामने आए हैं और 8.74 लाख मौतें हुईं हैं। मरने वालों में महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं, लेकिन चौकाने वाली बात ये हैं कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा कैंसर की शिकार हैं। महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले हैं। हालांकि महिलाओं में कैंसर से मरने की दर पुरुषों के मुकाबले कम है जिसका कारण इस बीमारी का जल्दी पकड़ में आना हैं।
ये आंकड़ें नेशनल इंवेस्टीगेटर के एक समूह द्वारा कई बड़ें अस्पतालों जैसे एम्स-दिल्ली, अड्यार कैंसर संस्थान-चेन्नई, पीडी हिंदुजा-मुंबई, टाटा मेमोरियल सेंटर-नवी मुंबई, और असम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर पेश किए गए हैं। ICMR-NCDIR के डॉ. प्रशांत माथुर के अनुसार कैंसर पीड़ित महिलाओं में पुरुषों की तुलना में बचे रहने की दर थोड़ी बेहतर होती है।
आंकड़ों के मुताबिक पुरुषों में जिस कैंसर के मामले ज्यादा हैं उसमें ओरल कैंसर, लंग्स कैंसर, लिवर कैंसर, पेट का कैंसर और भोजन नली से संबंधित कैंसर के मामले हैं। इन सभी तरह के कैंसर में लक्षण काफी देरी से दिखते हैं जिसकी वजह से इलाज में काफी देर हो जाती है और मरीज की मौत भी हो जाती है। महिलाओं में कैंसर के मामलों में होने वाली बढ़ोतरी को रोकने के लिए महिलाओं में जागरूकता, स्क्रीनिंग व टीकाकरण की आवश्यकता है। महिलाओं में 30% ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए है, लेकिन फिर भी महिलाओं में कैंसर से मौत कम है जिसका कारण स्क्रीनिंग से जल्दी बीमारी को पकड़ना है।
महिलाओं में दूसरे बड़े कैंसर सर्वाइकल कैंसर से बचाव करने के लिए HPV वैक्सीन, स्क्रीनिंग और जागरूकता को बढ़ाना बेहद जरूरी है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने ज्यादा आए हैं जिसके कारण और लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है ताकि तुरंत लक्षणों की पहचान कर बीमारी से बचाव किया जाएं। आइए जानते हैं कि दोनों बीमारियों में कैंसर के कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के लक्षण
- ब्रेस्ट में गांठ या सूजन होना। ये गांठ अक्सर शुरुआत में दर्द नहीं करती
- ब्रेस्ट के आकार में बदलाव होना
- निप्पल से खून या पानी जैसा रिसाव
- निप्पल का अंदर धंसना
- ब्रेस्ट की स्किन में गड्ढा पड़ना
- ब्रेस्ट का सिकुड़न या नारंगी के छिलके जैसी बनावट
- बगल या कॉलर बोन के पास गांठ या सूजन होना
- ब्रेस्ट में दर्द होना
- हालांकि हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)के लक्षण
- पीरियड के बीच असामान्य ब्लीडिंग
- सेक्सुअल रिलेशन के बाद ब्लीडिंग होना
- रजोनिवृत्ति के बाद ब्लीडिंग होना
- वजाइना से बदबूदार पानी डिस्चार्ज होना
- पेल्विक या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- यौन संबंध के दौरान दर्द होना
- बहुत आगे के स्टेज में बॉडी में कमजोरी होना
- वजन घटना, भूख नहीं लगना, पेशाब या मल में ब्लड आना शामिल है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कैसे करें
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
- हेल्दी डाइट का सेवन करें। डाइट में ज्यादा फल, सब्ज़ियां, फाइबर रिच फूड और कम वसा वाले फूड का सेवन करें।
- नियमित एक्सरसाइज करें। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज करें।
- मोटापा को कम करें,अधिक वजन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है।
- शराब का सेवन कम करें।
- 20 साल की उम्र के बाद Self Breast Exam करें।
- 40 साल की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह से मैमोग्राफी करवाएं।
- अगर परिवार में कोई ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय
- सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए HPV वैक्सीन लगवाएं। 9 से 26 साल की उम्र की लड़कियों और लड़कों को HPV वैक्सीन लगवाना चाहिए। यह सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण HPV संक्रमण से बचाता है।
- 25 से 65 साल की महिलाओं को हर 3 से 5 साल में Pap smear टेस्ट कराना चाहिए। अगर डॉक्टर सलाह दें तो HPV DNA टेस्ट भी कराएं।
- सेक्सुअल रिलेशनशिप में सावधानी बरतें। सेफ सेक्स इस बीमारी से बचाव करता है।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- धूम्रपान न करें क्योंकि इससे सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ता है।
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