टॉयलेट सीट का इस्तेमाल महिलाएं बेहद सोच-समझकर करती हैं। अक्सर महिलाओं को डर रहता है कि टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करने से उन्हें यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन(Urinary Tract Infection-UTI) खतरा हो सकता है, खासकर जब वो पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करती है तब ज्यादा डरती है। हालांकि इस बात में सच्चाई है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा यूटीआई का शिकार होती हैं, लेकिन इस बात में कम ही सच्चाई है कि उन्हें इस इंफेक्शन का खतरा टॉयलेट सीट से होता है।
डॉ तनाया, जो इंस्टाग्राम पर ‘डॉ क्यूटरस’ के नाम से जानी जाती हैं, ने एक पोस्ट साझा किया है कि जहां कई कंपनियां टॉयलेट सीट सैनिटाइज़िंग उत्पाद बेचती हैं, इन कंपनियों का दावा है कि टॉयलेट सीट पर इनका इस्तेमाल करने से जर्म का सफाया हो जाएगा, लेकिन ये कंपनियां यूटीआई से बचाने के दावा नहीं करती। एक्सपर्ट के मुताबिक टॉयलेट सीट का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो इससे यूटीआई का डर नहीं होता।
किस तरह हो सकता है यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन: एक्सपर्ट ने बताया कि जब महिलाएं टॉयलेट सीट पर बैठती हैं तो मूत्र मार्ग सीट के संपर्क में नहीं आता। डॉ तान्या ने डमी डिवाइस से समझाते हुए कहा कि बैक्टीरियां किसी जादू की मदद से तो मूत्र मार्ग में प्रवेश नहीं करते लेकिन अगर आप गलत तरीके से टॉयलेट के कॉर्नर पर बैठेंगे, या फिर पेशाब करने के बाद गलत तरीके से मूत्र मार्ग को पोछेंगे तो यह बैक्टीरियां आपके मूत्र मार्ग तक पहुंच सकते हैं। कुछ लोग पेशाब करने के बाद पीछे से आगे की तरफ पोछते हैं उससे भी बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।
वीडियो में उन्होंने बताया कि जिस तरह से आपको यूटीआई संक्रमण हो सकता है, वह है पेशाब करने के बाद खुद को गलत तरीके से पोंछना। डॉक्टर ने समझाया कि कुछ लोग पीछे से आगे की ओर पोंछते हैं, जिसकी वजह से बैक्टीरिया बटहोल से पेशाब के छेद तक पहुंच जाते हैं।
यूटीआई से कैसे करें बचाव:
- डॉक्टर ने अपने कोमेंट में बताया है कि यूटीआई से बचने के लिए महिलाओं को चाहिए कि वो ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें।
- पेशान को रोकने से बचें। कुछ महिलाएं पेशाब तेज आने पर भी जल्दी वॉश रूम नहीं जाती और पेशाब को रोक कर रखती हैं। पेशाब को रोकना इस बीमारी को बढ़ावा देता है।
बॉडी में पानी की कमी और पेशाब को रोकना यूटीआई की बीमारी का सबसे बड़ा कारण है।