Health Benefits of Jamun During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में फलों का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है। फाइबर और पानी से भरपूर फलों का सेवन करने से मां और बच्चा दोनों को पर्याप्त पोषण मिलता है,बॉडी हाइड्रेट और हेल्दी रहती है। प्रेग्नेंसी में कुछ फलों का सेवन फायदेमंद है लेकिन कुछ फलों का सेवन करने पर अक्सर घर में बड़े बुजुर्ग मना करते है या फिर यूं कहें कि कुछ फ्रूट्स को प्रेग्नेंसी में खाने को लेकर महिलाओं के दिमाग में मिथ है। ऐसा ही एक फल है काला जामुन जिसे अक्सर महिलाएं प्रेग्नेंसी में खाने से परहेज करती हैं। जामुन, जिसे ब्लैक प्लम या इंडियन ब्लैकबेरी भी कहा जाता है।
ये एक ऐसा फल है जिसे खाने से पहले गर्भवती महिलाएं सोचती हैं कि क्या इसे अपनी डाइट में शामिल करना सुरक्षित है या नहीं। महिलाओं को लगता है कि काली जामुन खाने से उनके बच्चे का रंग काला हो सकता है। महिलाओं को लगता है कि प्रेग्नेंसी में काला जामुन खाने से बच्चे को खतरा हो सकता है। ऐसे कई सवाल उनके ज़हन में हमेशा दौड़ते रहते हैं।
संजीवनी गर्भसंस्कार, महाराष्ट्र में गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर संजीवनी टोंगसे ने बताया प्रेग्नेंसी में महिलाएं जामुन खा सकती हैं। एक्सपर्ट ने बताया ये खट्टा-मीठा फल विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत होता है जो मां और बच्चे दोनों को तंदुरुस्त रखता है। जामुन एक अत्यंत पौष्टिक फल है, जिसमें वो एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो आपके बच्चे की विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। यह फल विटामिन A और C, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
विटामिन और खनिजों से भरपूर इस फल का सेवन करने से प्रेग्नेंसी में संकुचन और समय से पहले डिलीवरी का खतरा टलता है। एक्सपर्ट ने बताया प्रेग्नेंसी में काले जामुन का सेवन बिल्कुल भी नुकसान दायक नहीं है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि क्या प्रेग्नेंसी में जामुन खाने से बच्चा काला होता है और इसका सेवन कब और कितना करना चाहिए और बॉडी को इससे कौन-कौन से फायदे होते हैं।
क्या प्रेग्नेंसी में जामुन खाने से बच्चा काला होता है?
गर्भावस्था के दौरान जामुन खाने को लेकर माता-पिता की सबसे आम चिंता यह होती है कि इससे बच्चे की स्किन पर छोटे-छोटे काले धब्बे पड़ सकते हैं या बच्चे का रंग काला हो सकता है। गायनोकॉलोजिस्ट ने बताया ये पूरी तरह मिथ है जिसका कोई भी वैज्ञानिक या शोध आधारित प्रमाण मौजूद नहीं है। संतुलित मात्रा में जामुन का सेवन करने से आपके बच्चे को फायदा होगा। इसका सेवन करने से आपके बच्चे की स्किन पर कोई असर नहीं होगा।
जामुन के पोषक तत्व (Jamun Nutritional Value)
100 ग्राम जामुन का पोषण प्रोफ़ाइल (100 gram Jamun Nutritional Profile)
प्रोटीन – 0.72 ग्राम
वसा (Fat) – 0.23 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट – 15.56 ग्राम
कैल्शियम – 19 मि.ग्रा
आयरन (लोहा) – 0.19 मि.ग्रा
विटामिन C – 14.4 मि.ग्रा
पोटैशियम – 79 मि.ग्रा
मैग्नीशियम – 15 मि.ग्रा
फॉस्फोरस – 17 मि.ग्रा
सोडियम – 14 मि.ग्रा
इनके अलावा जामुन में विटामिन A, विटामिन B6, और विटामिन B12, सल्फर और फोलेट भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत उपयोगी है। खासकर बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए ये सभी विटामिन जरुरी हैं।
प्रेग्नेंसी में जामुन खाने से फायदे
- प्रेग्नेंसी में जामुन का सेवन करने से प्रेग्नेंट महिला की इम्यूनिटी बूस्ट होती है। ये फल मां और बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक होते हैं। इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है।
- प्रेग्नेंसी में महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है ऐसे में अगर जामुन का सेवन किया जाए तो प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली इस डायबिटीज से बचाव किया जा सकता है।
- प्रेग्नेंसी में जामुन का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। ये फल फाइबर से भरपूर होता है जो पाचन में सुधार करता है और कब्ज का इलाज करता है। इसका कसैला स्वाद पाचन को दुरुस्त करता है।
- प्रेग्नेंसी में जामुन का सेवन करने से मां और बच्चे के दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। इस बैंगनी फल में भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और दिल की सेहत में सुधार करता है।
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