बवासीर (Piles) एक ऐसी बीमारी जिसका समय पर इलाज न किया जाए तो कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं। पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए वात, पित्त और कफ का संतुलन बेहद जरूरी है। बवासीर ऐसी बीमारी है, जो इन तीनों के असंतुलन से होती है। इसीलिये इसे ‘त्रिदोषज’ भी कहा जाता है। बवासीर के मरीजों में पेट का साफ न होना, बार-बार वॉशरूम जाने की इच्छा, शौच के वक्त जलन और खुजली, म्यूकस का आना जैसे लक्षण दिखते हैं। मलद्वार पर सूजन भी आ जाती है। बवासीर के मरीजों को खानपान को लेकर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है।
- डॉक्टरों का कहना है कि पाइल्स के मरीजों को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। डेयरी प्रोडक्ट, खासकर दूध से बचें। क्योंकि दूध से कब्ज होने की आशंका रहती है। ऐसे में मरीज को और परेशानी हो सकती है।
- अधिक तेल-मसाले वाली चीजों से भी बचना चाहिए। तैलीय चीजों की वजह से कब्ज की समस्या हो सकती है, इससे सूजन का भी खतरा बना रहता है। फास्ट फूड से दूरी बनाना भी उचित है।
- पाइल्स के मरीजों को अधिक चाय और कॉफी के सेवन से भी बचना चाहिए। क्योंकि कैफीन की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और मल कठोर हो सकता है। इससे समस्या बढ़ सकती है।
- बवासीर के मरीजों को राजमा, मसूर, बीन्स जैसी चीजों से बचना चाहिए। इन चीजों से भी कब्ज की दिक्कत होती है। इसके अलावा alsoखाने में अधिक मिर्च भी न शामिल करें। अन्यथा जलन की समस्या होगी।
- डॉक्टरों का यह भी कहना है कि बवासीर मरीजों को पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स से भी बचना चाहिए। क्योंकि इनसे भी कब्ज और बदहजमी की शिकायत होती है। पाइल्स में इनसे दूरी ही ठीक है।