दूध हमारी डाइट का अहम हिस्सा है जो पैदा लेने वाले बच्चे से लेकर युवाओं और बुजुर्गों के लिए जरूरी है। मेडिकल साइंस के मुताबिक दूध को कंप्लीट आहार माना जाता है जिसमें बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दूध में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक जैसे मिनिरल्स, विटामिन बी 12, विटामिन डी और प्रोटीन भरपूर मौजूद होता है जो सेहत को फायदा पहुंचाता है। अमेरिकन डायट्री गाइडलाइन के मुताबिक रोजाना 250 ग्राम दूध का सेवन हर इंसान को करना चाहिए। रोजाना एक गिलास दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं और बॉडी में प्रोटीन की कमी भी पूरी होती है। दूध सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन ये कुछ लोगों के लिए पाचन से जुड़ी परेशानी को बढ़ा सकता है। कुछ लोगों की आंतें दूध को आसानी से पचा नहीं पाती और उनका पाचन बिगड़ा रहता है।
सदगुरु जग्गी वासुदेव ने बताया दूध और दूध से बनी हुई चीजें जैसे दही,मलाई, चीज, खोया,पनीर, मक्खन युवाओं के पाचन को बिगाड़ने अहम किरदार निभाती हैं। दूध और दूध से बनी चीजों में ऐसे एंजाइम होते हैं जिनका इस्तेमाल आजकल कपड़ा चिपकाने वाले पदार्थों को चिपकाने के लिए किया जाता है। ये पदार्थ पानी में घुल नहीं पाते है। सोचिए जो फूड कपड़ा चिपकाने की ताकत रखता है वो आपकी आंतों में जाकर कैसे चिपक जाता है और आपकी आंतों को सड़ाता है। आइए सदगुरु से जानते हैं कि दूध और दूध से बने पदार्थ कैसे पाचन को बिगाड़ते हैं और आंतों में परेशानी को बढ़ाते हैं।
दूध और दूध से बने पदार्थ कैसे आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं?
दूध और दूध से बने पदार्थ कुछ लोगों की आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं, खासकर उन लोगों को जिनको दूध से एलर्जी है। दूध में मौजूद नेचुरल शुगर लैक्टोज को पचाने के लिए शरीर में लैक्टेज एंजाइम की आवश्यकता होती है। जिन लोगों की बॉडी में इस लैक्टोज एंजाइम की कमी होती है वो दूध और दूध से बने पदार्थों को पचा नहीं पाते हैं,और ये दूध आंत में पहुंचता है फर्मेंटेशन के कारण पेट में दर्द, गैस और एसिडिटी को बढ़ाता है।
सदगुरु जग्गी वासुदेव ने बताया जब आप दूध और दूध से बनी हुई बहुत सारी चीजें खा लेते हैं तो ये आपके मलाशय में जाकर चिपक जाती हैं। जो मल आसानी से आंतों से बाहर निकल जाना चाहिए वो आंतों में चिपक जाता है और कई तरह की रुकावट पैदा करता है। सदगुरु ने बताया दूध और दूध से बनी चीजे खाने से आपके शरीर और मन की सतर्कता कम हो जाती है। दूध से बने पदार्थ नींद का कारण बनते हैं। हम सबको पता है कि दूध बॉडी को सुस्त बनाता है लेकिन फिर भी लोग दूध पीते हैं ।
केवल तीन साल से कम उम्र के बच्चों में ही दूध को पूरी तरह से पचाने के लिए आवश्यक एंजाइम होते हैं। दुनिया के कुछ हिस्सों के लोगों को छोड़कर दुनिया भर में अधिकांश वयस्कों के लिए दूध अपचनीय है। बिना पचा दूध म्यूकस बनाने वाला और सुस्ती पैदा करने वाला होता है।
दूध की जगह आप किन फूड्स से करें पूरी
दूध कैल्शियम का बेहतरीन स्त्रोत है, आप कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए साबुत अनाज, दाले और मेवे का सेवन कर सकते हैं। आप मूंगफली खा सकते हैं, ये अपने आप में संपूर्ण आहार हैं। मूंगफली का सेवन बॉडी के लिए संपूर्ण आहार है। आयुर्वेद के मुताबिक मूंगफली को कम से कम छह घंटे तक पानी में भिगोकर खाना चाहिए, जिससे इसके अवगुण दूर हो जाते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक अगर आप मूंगफली को भिगोकर खाते हैं तो इसमें से पित्त दोष निकल जाता है जो चकत्ते और मतली की परेशानी पैदा कर सकते हैं।
मेडिकल साइंस के मुताबिक दूध पाचन पर कैसा करता है असर
एजुकेशन क्लिनिक, छतरपुर पहाड़ी,नई दिल्ली के डॉ. कुमार ने बताया जिन लोगों को दूध से दिक्कत होती है तो उनको पाचन से जुड़ी परेशानी हो सकती है। ऐसे लोग अगर दूध और दूध से बने पदार्थ का सेवन करते हैं तो उनको गैस, एसिडिटी और अपच जैसी दिक्कत हो सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक लैक्टोज इंटॉलरेंस एक पाचन संबंधी बीमारी है जिसमें इंसान को ‘लैक्टोज’ को पचाने में बहुत परेशानी होती है। अगर आपके गट में एसिडिक माहौल है तो आपको इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
दूध की टेंडेंसी अम्लीय होती है जिन लोगों की बॉडी में लैक्टोज एंजाइम कम बनता है उनके लिए इसे पचाना मुश्किल होता है। भारत में ज्यादातर लोगों में ये एंजाइम कम ही बनता है जिसकी वजह से पाचन से जुड़ी परेशानी होती है और आंतों पर ये फूड भारी पड़ते हैं।
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