Diabetes Patients Eating Tips: हर घर में करीब-करीब रोजाना ही आलू से कोई न कोई डिश बनती है, इतने व्यापक इस्तेमाल करने से ही आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे कि पोटैशियम, फाइबर और विटामिन बी भी होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

मगर आलू में कार्ब्स की मात्रा भी अधिक होती है, ऐसे में उच्च रक्त शर्करा से ग्रस्त लोगों को इसके सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं कि ब्लड शुगर को कार्ब्स कैसे प्रभावित करता है और डायबिटीज रोगी आलू का सेवन किस तरह कर सकते हैं।

कार्ब्स कैसे करता है रक्त शर्करा को प्रभावित: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर लोग ज्यादा कार्ब्स युक्त भोजन का सेवन करेंगे तो इससे उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। बता दें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स उस संख्या को कहते हैं जो किसी भी खाद्य पदार्थ में कितना कार्बोहाइड्रेट है ये बताता है। जिन फूड्स का जीआई स्कोर 70 होता है, उसे हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स कहा जाता है वहीं जीआई स्कोर अगर 55 या उससे कम होता है तो उसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स की श्रेणी में रखा जाता है।

डायबिटीज रोगियों के लिए आलू: विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरी कॉम्प्लिकेशंस से बचने के लिए डायबिटीज के मरीजों को दिन भर में मात्र 20 से 50 ग्राम तक कार्बोहाईड्रेट खाना चाहिए। जबकि आलू का ग्लाइसेमिक वैल्यू बहुत हाई होता है। लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो मधुमेह रोगी आलू का सेवन कर सकते हैं।

इस तरह करें आलू का सेवन: एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कैन्ड पोटैटो में कार्ब्स की मात्रा 36 फीसदी तक कम होती है। बता दें कि इन आलूओं को प्रीजर्व करने के दौरान की प्रक्रिया में कार्बोहाइड्रेट कम हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार स्टार्च युक्त आलू की कैनिंग से जीआई वैल्यू कम होता है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि आलू को बेक करके या फिर उबाल कर खाने से भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स की वैल्यू में गिरावट आ सकती है। साथ ही, अगर लोग आलू को ठंडा करके खाते हैं तो भी ब्लड शुगर पर इसका प्रभाव कम पड़ेगा। इस प्रक्रिया को रिट्रोग्रेडेशन कहते हैं। ऐसे में, डायबिटिक रोगी बेक्ड (baked), मैश्ड (mashed) या उबले (boiled) आलू खा सकते हैं। साथ ही, आलू में नींबू का रस या सिरका मिला देने से भी GI कम हो सकता है।