लिवर, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने के साथ ही खाना पचाने, बॉडी में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर करने, एनर्जी का संचयन करने और प्रोटीन के उत्पादन में भी मदद करता है। हालांकि वर्तमान समय में खराब खानपान और शराब के अधिक सेवन से लोग फैटी लिवर की बीमारी का शिकार हो जाते हैं। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 10 लाख से अधिक लोग लिवर की इस बीमारी का ग्रसित हो जाते हैं।
फैटी लिवर की स्थिति में लिवर के आसपास फैट यानी वसा की मात्रा इक्ट्ठा हो जाती है। इसके कारण लिवर सिरोसिस, कैंसर और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। फैटी लिवर के मरीजों को अपने खानपान का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
फैटी लिवर में घी: एक्सपर्ट्स फैटी लिवर के मरीजों को ऐसे खाने का सेवन करने की सलाह देते हैं, जिसमें एंजाइम की मात्रा मौजूद ना हो, जैसे-घी। घी विषाक्त पदार्थों को तोड़ने और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए एक्सपर्ट्स फैटी लिवर के मरीजों को घी का सेवन करने की सलाह देते हैं। आप चाहें तो नारियल के तेल का भी सेवन कर सकते हैं। आप चाहें तो अपने खाने में घी डालकर सेवन कर सकते हैं।
फैटी लिवर के चार स्टेज: बता दें कि फैटी लिवर के चार स्टेज होते हैं। पहला, सिंपल फैट डिपॉजिशन, जिसे स्टेटोसिस कहते हैं। दूसरा, नॉन एल्कॉहलिक स्टेटोहेपेटाइटिस, तीसरा, लिवर सेल डैमेज, जिसे हिंदी में फाइब्रोसिस कहते हैं और चौथा लिवर सीरोसिस, जिसमें लिवर को बहुत नुकसान पहुंचता है। यह स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक होती है।
फैटी लिवर के मरीज इन चीजों का कर सकते हैं सेवन: स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि फैटी लिवर के मरीज अपनी डाइट में सहजन और आंवले को शामिल कर सकते हैं। वैसे तो सहजन का उपोयग सब्जी बनाने में किया जाता है। लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, रिबोफ्लेविन, नियासिन, सोडियम, कैल्शियम और फास्फोरस की भी अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है, जो लिवर से फैट को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा आप आंवले का भी सेवन कर सकते हैं।