अगर आप भी  हमेशा हॉट कॉफी और चाय ऑर्डर करते हैं तो अपनी इस आदत को सुधार लीजिए। एक्स्ट्रा हॉट ड्रिंक का सेवन आपको पसंद हो सकता है लेकिन आपकी ये आदत आपको कैंसर की बीमारी का शिकार बना सकती है। गर्म ड्रिंक का संबंध food pipe या oesophagus के कैंसर से पाया गया है। हालांकि गले के कैंसर और गर्म पेय के बीच किसी प्रकार का स्पष्ट संबंध नहीं पाया गया है। गर्म ड्रिंक का सेवन और पेट के कैंसर के बीच भी कोई संबंध नहीं पाया गया है।

2016 में, International Agency for Research on Cancer (IARC) ने बहुत गर्म पेयों यानी 65°C से अधिक तापमान वाले ड्रिंक को कैंसर के कारक (probably carcinogenic) के रूप में वर्गीकृत किया था। यह वही रिस्क कैटेगरी है जिसमें घर के अंदर जलने वाली लकड़ी के धुएं से होने वाले नुकसान और अधिक मात्रा में रेड मीट खाने से होने वाले नुकसान को रखा गया है। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर की बीमारी का कारण ड्रिंक नहीं बल्कि उसका तापमान था।

गर्म ड्रिंक और कैंसर रिसर्च को समझें

दक्षिण अमेरिका के अध्ययनों पर आधारित रिसर्च के निष्कर्ष में ये पाया गया है कि जो लोग बहुत अधिक मात्रा में mate नामक पारंपरिक हर्बल ड्रिंक पीते हैं जिसे आमतौर पर लगभग 70°C पर पिया जाता है उनमें अन्ननली (oesophagus) के कैंसर का जोखिम अधिक देखा गया। मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया में किए गए कई अध्ययनों ने भी यह पुष्टि की है कि बहुत गर्म पेय पीने और अन्ननली (oesophagus) के कैंसर के बीच संबंध है। हालांकि हाल तक यूरोप और पश्चिमी देशों की आबादी में इस संबंध को लेकर पर्याप्त रिसर्च नहीं थी।

लेकिन इस साल यूनाइटेड किंगडम में लगभग 5 लाख वयस्कों पर किए गए एक बड़े अध्ययन ने यह स्पष्ट किया कि बहुत अधिक मात्रा में गर्म चाय या कॉफी पीने से अन्ननली के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस अध्ययन में पाया गया कि जो व्यक्ति रोज़ाना 8 या उससे ज्यादा कप बहुत गर्म चाय या कॉफी पीते हैं, उनमें ऐसे लोगों की तुलना में 6 गुना अधिक जोखिम होता है जो गर्म ड्रिंक का सेवन नहीं करते।

मिडिल ईस्ट, एशिया और अफ्रीका में की गई रिसर्च के मुताबिक बहुत गर्म ड्रिंक का संबंध oesophagus के कैंसर से है। हालांकि अभी तक यूरोप और दूसरे पश्चिमी देशों की जनसंख्या में इस संबंध पर कोई ठोस रिसर्च नहीं सामने आई है।  यूनाइटेड किंगडम में किए गए एक बड़े अध्ययन के मुताबिक जिसमें लगभग 5 लाख वयस्कों को शामिल किया गया था, ये पुष्टि की गई है कि ज्यादा मात्रा में बहुत गर्म चाय या कॉफी पीने से अन्ननली के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। रिसर्च के मुताबिक जो लोग रोज़ाना 8 या उससे अधिक कप बहुत गर्म चाय या कॉफी पीते हैं, उनमें ऐसे लोगों की तुलना में लगभग 6 गुना ज़्यादा जोखिम होता है, जो गर्म ड्रिंक का सेवन नहीं करते हैं।

गर्म चाय और कॉफी कैसे कैंसर का कारण बनते हैं?

बहुत ज्यादा गर्म पेय पीने से अन्ननली (oesophagus) की परत के सेल्स को नुकसान पहुंच सकता है, और माना जाता है कि समय के साथ यह कैंसर में बदल सकता है। इस संबंध को सबसे पहले लगभग 90 साल पहले शोधकर्ताओं ने पेश किया था। गर्म पेय से अन्न नली को नुकसान कैसे होता है इसकी जानकारी जानवरों पर किए गए अध्ययनों से मिली है। एक 2016 के अध्ययन में उन चूहों पर शोध किया गया जो कैंसर के प्रति संवेदनशील थे। जिन चूहों को बहुत गर्म पानी (70°C) दिया गया, उनमें जल्दी और अधिक प्री कैंसर ग्रोथ देखी गई, जबकि कम तापमान वाला पानी पीने वाले चूहों में ऐसा नहीं था।

एक और थ्योरी यह है कि ज्यादा गर्म फूड का सेवन करने से अन्ननली की परत कमजोर हो जाती है, जिससे अन्ननली की लाइनिंग टूट जाती है जिससे पेट के एसिड का नुकसान बढ़ सकता है, और लंबे समय तक इस निरंतर नुकसान से अन्ननली के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

कैंसर से बचाव के लिए किस तापमान पर करें ड्रिंक का सेवन

कॉफी और दूसरे गर्म ड्रिंक को बनाने के दौरान उन ड्रिंक का तापमान काफी ज्यादा हो जाता है। उदाहरण के लिए बाहर से खरीदे गए गर्म ड्रिंक कभी-कभी लगभग 90°C पर परोसे जाते हैं, ताकि जब लोग उन्हें ऑफिस या घर पर पीएं तो पेय थोड़ा ठंडा हो सके। एक अमेरिकी अध्ययन ने कॉफी के लिए ऐसा आदर्श तापमान खोजने की कोशिश की, जिसमें न केवल अन्न नली को नुकसान होने का खतरा कम होगा बल्कि कॉफी का स्वाद भी बना रहे। इस शोध में तय किया गया कि लगभग 57.8°C तापमान पर कॉफी का सेवन सबसे उपयुक्त होता है।

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