डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है वरना बॉडी में इस बीमारी के जोखिम बढ़ने लगते हैं। डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया जाए तो किडनी, लंग्स, दिल और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर को कंट्रोल करना जरूरी है। शुगर कंट्रोल करने के लिए तनाव से दूर रहें, दवाईयों का सेवन करें, बॉडी को एक्टिव रखें साथ ही डाइट पर भी कंट्रोल रखें।

डायबिटीज के मरीज खाने में स्टार्च वाली चीजों का सेवन कम करें वरना ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टार्च युक्त सफेद चावल का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है जो शुगर के स्तर को बढ़ाने में असरदार होता है।

पोषण विशेषज्ञ भुवन रस्तोगी के मुताबिक किसी भी खाद्य पदार्थ में जीआई या ग्लिसिमिक इंडेक्स को इस बात से समझा जा सकता है कि उसमें शरीर के अनुकूल कितने पोषक तत्व हैं। उदाहरण के लिए चावल में जितना सघन फाइबर और प्रोटीन का समावेश होगा, वह उतना ही शरीर के लिए संतुलित होगा। इसे समझने के लिए जीआई सबसे उपयोगी टूल साबित होता है।

फैट आपकी थाली में जीआई को कम जरूरत करता है लेकिन यह आपको अन्य फिटनेस गोल से दूर भी कर सकता है। बेहतर रिजल्ट के लिए वसा पर फाइबर और प्रोटीन को प्राथमिकता देना अच्छा हो सकता है। रस्तोगी के अनुसार चावल का इस्तेमाल कुछ लो ग्लाइसेमिक फूड्स के साथ करके शुगर को कंट्रोल में रखा जा सकता है।

रस्तोगी के अनुसार सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि आपकी थाली में जो भोजन है उसका अनुपात क्या है। इससे भोजन में कटौती किए बिना आपको बढ़िया रिजल्ट मिल सकता है चाहे वह सफेद चावल ही क्यों न हो, इस नियम से आप यह पता लगा सकते हैं कि पोषक तत्वों का सही अनुपात क्या है। इस तरह से आप अपने भोजन में उच्च कार्बाहाइड्रेट वाले भोजन या चावल को ले सकते हैं।

सफेद चावल कैसे शुगर को बढ़ाता है।

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के मुताबिक सफेद चावल टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है। चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है जो तेजी से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। चावल में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ाता है।

क्या शुगर के मरीज़ सफेद चावल खा सकते हैं?

पोषण विशेषज्ञ भुवन रस्तोगी के अनुसार, चूंकि सफेद चावल का हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, इसलिए इसे प्रोटीन, फाइबर, वसा के साथ सही अनुपात में जोड़ना आवश्यक है जो पूरे भोजन के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम कर सकता है। जिन फूड्ल का ग्लाइसेमिक इंडेक्ट 55 से कम होता है वो फूड कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में आते हैं। आप भी अगर चावल खाते हैं तो उसे ऐसे फूड्स के साथ कॉम्बीनेशन करके खाएं जिनसे शुगर बढ़ने का खतरा कम रहे। आइए जानते हैं कि चावल के साथ किन फूड्स का कॉम्बीनेशन करें जिनसे शुगर बढ़ने का डर नहीं रहे।

दही के साथ करें चावल का सेवन:

दही में उच्च मात्रा में वसा और प्रोटीन होता है, और यह आपके खाने के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने में असरदार साबित होती है। दही का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 35 से कम होता है आप चावल का सेवन दही के साथ कर सकते हैं।

राजमा चावल खाएं:

फलियां फाइबर से भरपूर और प्रोटीन में मध्यम होती हैं। आप चावल का इस्तेमाल राजमा के साथ कर सकते हैं आपकी शुगर कंट्रोल रहेगी। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के मुताबिक सफेद चावल टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है, इसलिए उसका सेवन लौ ग्लाइसेमिक फूड के साथ करें।