दूध का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। दूध आसानी से मिलने वाला लिक्विड फूड है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दूध में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो ये कैल्शियम और प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। 240 मिलीलीटर गाय के दूध में लगभग 160 कैलोरी और 7.7 ग्राम प्रोटीन, 12 ग्राम शुगर और 8 ग्राम संतृप्त वसा मौजूद होती है। भैंस के दूध की बात करें तो वो गाढ़ा होता है। इसमें गाय के दूध की तुलना में 100 प्रतिशत अधिक वसा और लगभग 40 प्रतिशत अधिक कैलोरी होती है।

गाय के दूध की तुलना में भैंस के दूध में अधिक संतृप्त वसा मौजूद होती है जो दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक है। दूध में मौजूद फैट डायबिटीज मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित होता है। डायबिटीज मरीजों के लिए उस दूध का सेवन करना फायदेमंद है जिसमें वसा की मात्रा कम हो। अब सवाल ये उठता है कि गाय और भैंस के दूध की जगह स्किम्ड मिल्क का सेवन करना डायबिटीज कंट्रोल करने में असरदार है।

स्किम्ड मिल्क में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो उसमें वसा की मात्रा लगभग न के बराबर होती है। 240 मिलीलीटर स्किम्ड मिल्क में केवल 80 कैलोरी होती है। दूध के इन गुणों को देखते हुए क्या यह मधुमेह वाले लोगों के लिए उपयुक्त है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज मरीजों के लिए दूध का सेवन किस तरह असरदार होता है।

दूध और डायबिटीज कनेक्शन

मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्रिनोलॉजी और डायबिटीज के अध्यक्ष और प्रमुख डॉ अंबरीश मिथल बताते हैं कि एक कप फुल क्रीम दूध आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है या नहीं इसे जाने बिना दूध का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक फुल क्रीम दूध का सेवन ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ा देगा। इस दूध में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है।

हालांकि हाल के अध्ययनों से पता चला है कि कुल डेयरी उत्पाद, दही और दूध के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का जोखिम 11-17 प्रतिशत कम हो जाता है। डेयरी उत्पादों में हाई प्रोटीन होता है, विशेष रूप से, व्हे प्रोटीन और इसका ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म और शरीर के वजन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। डेयरी उत्पादों में दही जैसे प्रोबायोटिक्स भी मेटाबॉलिज्म हेल्थ पर अनुकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अलावा, दूध में बायोएक्टिव पेप्टाइड्स और फैटी एसिड होते हैं जो बीपी को कम करने और डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हाल ही में वैश्विक PURE अध्ययन में भारतीयों सहित संपूर्ण डेयरी फूड्स के सेवन से हृदय संबंधी जोखिम में कमी देखी गई।

कुछ लोगों को दूध क्यों नहीं पचता?

कुछ लोगों को दूध पचता नहीं और उन्हें दूध से एलर्जी होती है। दूध में मौजूद कैसिइन की वजह से कुछ लोगों को दूध से एलर्जी होती है।

दूध नहीं पचता तो इस तरह करें सेवन

बादाम का दूध:

बादाम के दूध में गाय के दूध की तुलना में कैलोरी और प्रोटीन कम होता है और इसमें संतृप्त वसा भी कम होती है। एक कप या 240 मिलीलीटर में 40 कैलोरी, 1 ग्राम प्रोटीन, 3 ग्राम वसा, 2 ग्राम कार्ब्स और भिन्न मात्रा में कैल्शियम होता है। डायबिटीज मरीजों के लिए बादाम का दूध बेहतरीन विकल्प है।

सोय मिल्क

सोय मिल्क में प्रोटीन अधिक और कैल्शियम कम होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है। 240 मिलीलीटर कप में लगभग 80-100 कैलोरी, 7 ग्राम प्रोटीन, 4-6 ग्राम वसा, 4 ग्राम कार्ब्स और लगभग 60 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।

ओट्स मिल्क का सेवन

एक कप जई मिल्क से हमें 120 कैलोरी के साथ-साथ 3 ग्राम प्रोटीन, 5 ग्राम वसा, 16 ग्राम कार्ब्स और 350 मिलीग्राम कैल्शियम मौजूद देता है। यह अन्य प्लांट बेस्ड दूध की तुलना में अधिक कैलोरी देता है। डायबिटीज मरीजों को इस दूध को पीने की सलाह नहीं दी जाती ।

नारियल का दूध

नारियल का दूध एक वसा और कैलोरी से भरपूर प्लांट बेस्ड मिल्क है। एक 240 मिलीलीटर कप बिना चीनी वाले नारियल के दूध में 552 कैलोरी, 5.5 ग्राम प्रोटीन, 57 ग्राम वसा, 13 ग्राम कार्ब्स और 38 मिलीग्राम कैल्शियम मौजूद होता है। इसका सेवन पेट की चर्बी और सूजन को कम करता है। डायबिटीज मरीज इस दूध का सेवन नहीं करें।

प्लांट बेस्ड मिल्क

प्लांट बेस्ड मिल्क में बाजरा दूध, काजू दूध, अखरोट का दूध लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन इस दूध का सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।