खाने की लज्जत बढ़ाने में मिर्ची का अहम किरदार है। बेस्वाद खाना खाने में ना तो दिलचस्पी रहती है और ना ही पेट भरता है। खाने में मिर्च का इस्तेमाल करने से खाने का स्वाद बढ़ता है साथ ही कई तरह के फायदे भी होते हैं। मिर्च का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है , इसमें कैप्साइसिन होता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। मिर्च का सेवन करने से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। मिर्च खाने से पाचन तंत्र सक्रिय रहता है जिससे खाना पचाने में मदद मिलती है। मिर्च में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो इंफ्लामेशन को कंट्रोल करते हैं।
खाने में मिर्च खाने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है जिससे शरीर के अंगों तक अधिक ऑक्सीजन और पोषक पहुंचता है। विटामिन सी से भरपूर हरी मिर्च इम्यूनिटी को स्ट्रांग करती है। सेहत के लिए उपयोगी मिर्च का सेवन करने से कुछ लोगों को जलन या गैस्ट्रिक समस्याएं हो सकती हैं।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक शेफ ने पोस्ट शेयर करके बताया है कि अगर मिर्च का सेवन उसकी डंडी के साथ किया जाए तो गट हेल्थ दुरुस्त रह सकती है। शेफ ने बताया अगर आपको मिर्च खाने के बाद पाचन से जुड़ी परेशानी रहती है तो आप उसका सेवन डंडी के साथ करें। अब सवाल ये उठता है कि इस पोस्ट में कितनी सच्चाई है। क्या सचमुच मिर्च का सेवन डंडी के साथ किया जाए तो गट की समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि मिर्च का सेवन कैसे गट हेल्थ पर असर करता है।
मिर्च और गट हेल्थ का क्या है संबंध?
धर्मशिला नारायण अस्पताल दिल्ली में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ.महेश गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मिर्च में सूजन-रोधी गुण मौजूद होते हैं जो आंत की सूजन को कंट्रोल करते हैं। मिर्च का सेवन करने से इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी स्थितियों को कम करने में मदद मिलती है। मिर्च में रोगाणुरोधी गुण भी मौजूद होते हैं जो गट माइक्रोबायोम को बैलेंस करते हैं।
मिर्च का सेवन करने से ओवरऑल पाचन दुरुस्त रहता है। मौसम के हिसाब से मिर्च का सेवन सेहत पर अलग-अलग असर करता है। गर्मियों में मिर्च का सेवन संतुलित होना चाहिए, क्योंकि अधिक सेवन करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा हो सकती है। मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन की ज्यादा मात्रा पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकती है। ये गैस्ट्रिटिस या एसिड रिफ्लक्स जैसी स्थितियों को बढ़ा सकती है।
डंडी वाली मिर्च कैसे गट हेल्थ पर करती है असर
डंठल के साथ साबुत मिर्च खाने से समग्र कैप्साइसिन का सेवन थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन इस तरीके से मिर्च खाने से जलन या अपच को कम करने में मदद नहीं मिलती। कुछ मिर्च ऐसी हैं जिसके तने में और भी ज्यादा कैप्साइसिन होता है जो पाचन की समस्याएं बढ़ा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक मिर्च का सेवन डंडी के साथ करने की शेफ की सलाह पूरी तरह भ्रमित करने वाली है। जबकि सच्चाई ये है कि अधिक मात्रा में मिर्च का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती है और ये बवासीर का कारण भी बन सकती है।
मिर्ची कई तरह की होती है लाल, हरी और काली कौन सी मिर्च का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है इस लिंक पर क्लिक करके लें पूरी जानकारी।