किसी भी टीनएजर्स को 20 साल की उम्र में खाने में नूडल्स का सेवन करना बेहद पसंद आता है। 20 साल के रमन को भी डाइट में नूडल्स का सेवन करना पसंद था,वो मोटापा का शिकार था। हालांकि मोटापा को टीनएज का हिस्सा माना जाता है और ये भी माना जाता है कि समय के साथ ये चर्बी घट भी जाएगी। लेकिन दो साल पहले रमन के माता-पिता को गहरा सदमा लगा जब वह टीवी देखते हुए बेहोश होकर घर के फर्श पर गिर पड़ा। रमन को हाई ब्लड प्रेशर था उसका बीपी 120/80 mmHg के मुकाबले 200/140 mmHg तक बढ़ गया था, जिसकी वजह से वो फर्श पर गिर गया था। 18 साल की उम्र में हाई बीपी की वजह से बेहोश होकर फर्श पर गिरना एक परेशान करने वाली स्थिति थी। इस उम्र में अगर लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव नहीं किया जाए तो गंभीर स्थिति हो सकती है।

पुणे स्थित कार्डियक सर्जन और भारती अस्पताल में सर्जिकल सेवाओं के निदेशक डॉ. विजय नटराजन ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी एक साइलेंट किलर है जिसे लापरवाही से लेना जान से खिलवाड़ साबित हो सकता है। चाहे युवा ही क्यों नहीं हो उनका बीपी 130/80 mmHg ही रहना चाहिए। युवा लोगों में ब्लड प्रेशर का स्तर हाई होने के लिए गतिहीन जीवन शैली,स्कूल का काम ट्यूटोरियल और असाइनमेंट कमिटमेंट जिम्मेदार है। इस उम्र में ये टीनएजर्स युवा अनहेल्दी फूड्स जैसे ज्यादा चीनी, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट, नमक, ट्रांस या संतृप्त वसा का अधिक सेवन करते हैं।

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रोफेसर डॉ के श्रीनाथ रेड्डी बताते हैं कि खराब डाइट और लाइफस्टाइल का असर हाई बीपी की बीमारी पैदा करता है। एक्सपर्ट ने बताया कि नई पीढ़ी फास्ट फूड और बाहर के खाने का सेवन अधिक करती है जो उनके लिए बीमारियों का जोखिम पैदा करती है। 20 साल की उम्र में हाई बीपी की बीमारी से बचाव करना है तो टीनएज में ही खाने-पीने की आदतों में बदलाव करना जरूरी है। कम उम्र में अगर कुछ आदतों को बदल लिया जाए तो हाई बीपी जैसी बीमारी से बचाव किया जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन सी आदतें हाई बीपी के लिए जिम्मेदार हैं।

निष्क्रिय जीवन शैली

20 साल की उम्र में हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी के लिए निष्क्रिय जीवन शैली पूरी तरह जिम्मेदार है। निष्क्रिय जीवनशैली धमनियों के सख्त होने और धमनियों में प्लाक के निर्माण में योगदान देती है। जब आपकी धमनियां सख्त और संकीर्ण होती हैं तो दिल को पूरी बॉडी में ब्लड सप्लाई करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है जिससे बीपी हाई होता है।

नमक वाले फूड की लत

डाइट में बहुत अधिक नमक का सेवन हाई ब्लड प्रेशर का शिकार बनाता है। शोधकर्ताओं ने कई रिसर्च में पाया है कि भोजन में अधिक नमक का सेवन करने से धमनियों में सिकुड़न आती है और ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। नमक वाले फूड्स का सेवन करने के आधा घंटे बाद ही ये स्थिति पैदा होती है। डाइट में नमक वाले फूड्स का अधिक सेवन बल्ड प्रेशर, हाईपर टेंशन और सामान्य हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है।

अनियामित नींद की आदतें

आप जितना कम सोएंगे आपका ब्लड प्रेशर उतना ही अधिक हाई होगा। जो लोग छह घंटे या उससे कम सोते हैं उनका बीपी अधिक बढ़ सकता है। हाई बीपी के मरीज अच्छी नींद नहीं लेंगे तो उनका बीपी हाई रहेगा।

शराब और धूम्रपान

शराब और धूम्रपान का सेवन आपको हाई बीपी का शिकार बना सकता है। एल्कोहल में मौजूद कैलोरी की अधीक मात्रा आपके वजन को बढ़ा सकती है और आपका बीपी हाई कर सकती है। शराब और धूम्रपान की आदत दिल के रोगों का खतरा भी बढ़ा सकती है।

काम या रिश्तों से जुड़ा तनाव

तनाव चाहे रिश्तों का हो या फिर काम का हो वो परेशान ही करता है। स्ट्रेस हॉर्मोन पैदा होने से शरीर फाइट या फ्लाइट रेस्पॉन्स में चला जाता है। जिसकी वजह से नसें सिकुड़ने लगती हैं और हार्ट रेट बढ़ जाती है। ये स्थिति हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है।

मोटापा, खासकर पेट का मोटापा

जैसे-जैसे वजन बढ़ता है वैसे-वैसे बीपी भी हाई रहता है। जिन लोगों का मोटापा पेट पर ज्यादा है उनके हाई बीपी होने के चांस ज्यादा रहते हैं। अधिक वजन और मोटापा भी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता हैं।