दुनियाभर में मधुमेह के मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 442 मिलियन लोग इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। जबकि इंडियन डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, भारत में लगभग 7 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं। मधुमेह बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने से कई गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। ब्लड शुगर को ‘धीमा जहर’ भी कहा जाता है।

दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए उत्तम बताया जाता है। सेहत के लिए दूध कितना फायदेमंद है, यह इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नवजात शिशु से लेकर वृद्ध तक को दूध का सेवन करना जरुरी बताया गया है। वैसे आमतौर पर गाय-भैंस को ही दूध का प्रमुख स्रोत माना जाता है लेकिन कई देशों में इनके अलावा ऊंटनी के दूध का भी सेवन किया जाता है।

पहले ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल रेगिस्तानी क्षेत्रों में ही ज्यादा किया जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ये काफी लोकप्रिय हो गया है। दरअसल ऊंटनी के दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक और सैचुरेटेड फैट कम होता है और यह औषधीय गुणों के कारण दवाइयों के रूप में भी उपयोग किया जाता है। आइये जानते हैं इस दूध के सेवन के फायदे-

किडनी के लिए फायदेमंद: एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि ऊंटनी का दूध किडनी फेल्योर और सेल डैमेज से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल जेंटामाइसिन (एंटीबायोटिक) का दुष्प्रभाव नेफोटॉक्सिक प्रभाव (किडनी को नुकसान पहुंचाने वाला) का कारण बन सकता है। इस दुष्प्रभाव से बचने के लिए यहां ऊंटनी का दूध काम आ सकता है। अप्रत्यक्ष रूप से किडनी स्वास्थ्य के लिए ऊंटनी का दूध फायदेमंद हो सकता है।

ब्लड शुगर को करे नियंत्रित: एक शोध में पाया ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि दूध में ब्लड शुगर को कम करने वाला गुण पाए जाते हैं जिसे एंटीहाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव कहते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म द्वारा किये गए शोध के मुताबिक ऊंटनी का दूध लिपिड प्रोफाइल में सुधार करके और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में मदद करता है, जिसकी वजह से डायबिटीज के घरेलू उपचार के रूप में दूध का उपयोग किया जा सकता है।