क्या आप भी रोज कैल्शियम की टैबलेट खाने वालों में से हैं? अगर हां, तो बता दें कि ऐसा कर आप जाने अनजाने में अपनी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। खासकर अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाने वाली ये गोलियां आपके हार्ट को अनचाहे खतरे की ओर ले जा रही हैं।

दरअसल, यूके बायोबैंक द्वारा 4 लाख से अधिक लोगों पर किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में कैल्शियम की खुराक का लंबे समय तक उपयोग, हृदय रोग और इसके कारण होने वाली मौत के खतरे को अधिक बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं, नियमित तौर पर कैल्शियम की टैबलेट खाने वाले डायबिटीज पेशेंट्स में हृदय संबंधी समस्याओं के कारण मृत्यु का खतरा लगभग 60 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। हालांकि, अध्ययन में उन लोगों के लिए जोखिम में वृद्धि नहीं देखी गई, जिन्हें मधुमेह नहीं था। यानी डायबिटीज रोगियों के लिए खतरा अधिक है, आइए जानते हैं कैसे-

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मामले को लेकर डॉ मोहन डायबिटीज स्पेशलिटी सेंटर, चेन्नई के अध्यक्ष डॉ वी मोहन ने इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान बताया, ‘बिना डॉक्टर की सलाह के कैल्शियम टैबलेट न लें। जब तक चिकित्सकीय रूप से आवश्यक न हो, इनका कोई लाभ नहीं होता है उल्टा ये समय के साथ सेहत के लिए गंभीर खतरा बनते चले जाते हैं।’

डॉ मोहन के मुताबिक, कैल्शियम की गोलियां किस तरह से हार्ट को नुकसान पहुंचाती हैं, इसे अभी तक पूरी तरह समझा नहीं जा सका है, हालांकि सिद्धांत यह है कि जरूरत न होने पर लंबे समय तक ली जाने वाली खुराक से अतिरिक्त कैल्शियम हृदय की वाहिकाओं में जमा हो जाता है, जो समय के साथ हार्ट अटैक के खतरे को तेजी से बढ़ा सकता है। खासकर मधुमेह से पीड़ित लोगों में इसका उच्च जोखिम देखने को मिलता है। ऐसे में इस तरह की गोलियां लेने से बचें।

क्या महिलाओं को मेनोपॉज के बाद कैल्शियम की खुराक लेना शुरू कर देना चाहिए?

एक धारणा ये भी है कि मेनोपॉज के समय तक पहुंचते-पहुंचते महिलाओं में कैल्शियम की कमी होने लगती है, ऐसे में उन्हें कैल्शियम की टैबलेट लेनी चाहिए। हालांकि, इस धारणा को भी डॉ मोहन सही नहीं बताते हैं। डॉ मोहन के मुताबिक, ‘बाजार में आपको कई ऐसी कैल्शियम की टैबलेट मिलती होंगी जो मेनोपॉज के बाद महिलाओं को कैल्शियम की कमी से होने वाले फ्रैक्चर या कमजोर हड्डियों में जान फूंक देने का दवा करती हैं। सुनने में ये आपको जरूरी लग सकती हैं, लेकिन इस तरह की गोलियों का सेवन करने से भी बचें। अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो भी रही हैं, तो इसके लिए एक्सपर्ट्स से सलाह लें और सही इलाज को चुनें। हड्डियों का घनत्व कम होने पर कैल्शियम की गोलियां लेना सही विकल्प नहीं है। इसके लिए आपको इलाज की जरूरत पड़ सकती है या आप अपने खानपान पर ध्यान देकर भी इस स्थिति से राहत पा सकती हैं।’

महिलाओं के लिए कितनी खतरनाक हैं?

इस सवाल का जवाब देते हुए वी मोहन बताते हैं, ‘महिलाओं में एस्ट्रोजेन का हार्ट पर सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे मेनोपॉज से पहले महिलाओं में हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। हालांकि, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजेन का स्तर कम होने से उनमें पुरुषों के समान ही हृदय रोग होने का खतरा होता है। इसलिए, जरूरत न होने पर खासकर मेनोपॉज के बाद कैल्शियम सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए।’

क्या है सही विकल्प?

डॉ. मोहन का कहना है कि पुरुष और महिलाएं दूध के माध्यम से कैल्शियम की दैनिक अनुशंसित मात्रा प्राप्त कर सकते हैं। एक गिलास दूध में लगभग 500 मिलीग्राम कैल्शियम होता है और यह पर्याप्त है। इससे अलग अगर आप दूध नहीं पीते हैं, तो चीया सीड्स, सूरजमुखी के बीज या तिल के बीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।