गर्मी का मौसम आ गया है और हमारा रुझान खाने से ज्यादा पीने पर बढ़ने लगा है। हम डाइट में लिक्विड फूड्स को ज्यादा तरजीह देने लगे हैं। लिक्विड फूड्स में भी ऐसे फूड्स का सेवन करने पर हमारा जोर ज्यादा रहता है जो हमारी गट हेल्थ में सुधार करते हैं। आंतों का मुख्य काम खाने को पचाना है पोषक तत्वों को अवशोषण करना है और फिर बॉडी से टॉक्सिन को मल के जरिए बॉडी से बाहर भी निकालना है। आंत दो होती है एक छोटी आंत तो दूसरी बड़ी आंत। छोटी आंत खाने के पचाकर पोषक तत्वों का अवशोषण करती है जबकि बड़ी आंत टॉक्सिन को बाहर निकालती है। आंतों में खराब और गुड बैक्टीरिया का बैलेंस होना जरूरी है। 

आंतों में खराब बैक्टीरिया बढ़ने से पाचन से जुड़ी कई तरह की परेशानियां जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी परेशानियां होने लगती है। आंत में गुड और बैड बैक्टीरिया का बैलेंस होना जरूरी है। आंतों की सेहत को दुरुस्त करने में कुछ देसी ड्रिंक का सेवन वरदान साबित होता है।

कुछ देसी ड्रिंक जैसे छाछ और कांजी का सेवन गर्मी के दिनों में ज्यादा किया जाता है। ये  प्रोबायोटिक्स ड्रिंक पेट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। घर पर बने ये प्रोबायोटिक ड्रिंक अधिक प्राकृतिक,सस्ते और सेहत के लिए उपयोगी होते हैं। आइए जानते हैं कि गर्मी में गट हेल्थ में सुधार करने में छाछ और कांजी दोनों में कौन सा ड्रिंक ज्यादा बेहतर है।

छाछ (Buttermilk) के सेहत के लिए फायदे

छाछ एक प्रोबायोटिक पदार्थ है, जो दही या दूध से बना होता है। इसमें अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं। छाछ में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया, कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन बी12 और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता हैं जो आंतों के माइक्रोबायोम को संतुलित करते हैं। स्किम्ड दही से बनने पर इसमें वसा और कैलोरी कम होती है। छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाचन को आसान बना सकते हैं,ब्लोटिंग को कंट्रोल कर सकते हैं और आंत के माइक्रोबायोटा के संतुलन को बना सकते हैं। इस ड्रिंक में कैल्शियम और विटामिन बी12 भी मौजूद होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और एनर्जी को बूस्ट करता है।

छाछ प्रोबायोटिक्स का बेहतरीन स्रोत है जिसमें गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो आंतों के माइक्रोबायोम को संतुलित करते हैं। यह ड्रिंक पाचन प्रक्रिया में सुधार करता है। इसका सेवन करने से आंतों में गैस, ब्लोटिंग और कब्ज की बीमारी का इलाज होता है। ये ड्रिंक पाचन तंत्र को शांत करता है। इसका सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बीमारियों से बचाव होता है। गर्मी के मौसम में बॉडी को हाइड्रेट करने के लिए और बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई करने के लिए छाछ का सेवन अमृत की तरह असर करता है।

कांजी (Kanji)

कांजी एक पारंपरिक भारतीय फर्मेंटेड ड्रिंक है जिसे खासतौर पर गाजर और मसाले से तैयार किया जाता है। प्रोबायोटिक्स कांजी का सेवन करने से पेट में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जो आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह लैक्टोबैसिलस और अन्य प्रोबायोटिक्स प्रदान करते हैं, जो आंतों की सेहत में सुधार करते हैं। कांजी का सेवन आंतों की सूजन और पाचन की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। यह आंतों में खराब बैक्टीरिया को कम करके अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। विटामिन और मिनरल्स से भरपूर कांजी में गाजर, हल्दी और दूसरे मसाले इस्तेमाल होते हैं, जो विटामिन A, विटामिन C और  खनिजों से भरपूर होते हैं जो आंतों की सेहत को दुरुस्त करते हैं। कांजी में फर्मेंटेड प्रक्रिया से ब्लड शुगर का स्तर नॉर्मल रहता है।

कांजी बनाते समय फर्मेंटेशन के दौरान लैक्टोबैसिलस प्रजातियां तेजी से पनपती हैं, जिससे यह एक शक्तिशाली प्रोबायोटिक ड्रिंक बन जाता है जो आंत की सेहत में सुधार करता है। इस ड्रिंक में मौजूद फाइबर सामग्री प्रीबायोटिक के रूप में भी काम करती है, जो आंत में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, विटामिन सी और नाइट्रेट भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो लीवर को डिटॉक्सिफाई करते हैं और दिल की सेहत में सुधार करते हैं।

गट सुधारने में छाछ और कांजी में कौन सा ड्रिंक ज्यादा बेहतर

 दोनों ही ड्रिंक का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन बात करें गट हेल्थ में सुधार की तो आप कांजी का सेवन कर सकते हैं। कांजी फर्मेंटेड ड्रिंक है जिसका मसालेदार स्वाद होता है। यह आंतों के बैक्टीरिया को संतुलित करने और ब्लोटिंग को कंट्रोल करने में मदद करता है। अगर आप गर्मी में हल्का और ठंडा फूड खाना चाहते हैं तो आप छाछ का सेवन करें। छाछ पेट के लिए सौम्य होता है और इसे आसानी से पचाया जा सकता है।

गर्मी में दिन की शुरुआत करें नारियल पानी से, बॉडी रहेगी हाइड्रेट, दिल और किडनी की हेल्थ में होगा सुधार। नारियल पानी के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।