पेशाब करते समय तेज जलन और दर्द का एहसास होना एक आम समस्या है, जिससे अक्सर लोगों को दो चार होना पड़ता है। खासकर महिलाएं टॉयलेट करते वक्त तेज जलन और दर्द, पेशाब टपकना, बार-बार यूरिन आने जैसा महसूस होना आदि समस्याओं से परेशान रहती हैं। इस स्थिति में पीड़ित का उठना-बैठना भी दुभर हो जाता है। वहीं, अगर आप भी इस तरह की स्थिति से गुजर रही हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। यहां हम आपको इन तमाम परेशानियों से निजात पाने के लिए एक असरदार नुस्खे के बारे में बता रहे हैं।

इससे पहले बता दें कि पेशाब से जुड़ी ये परेशानी यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण हो सकती हैं। गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल करने, शरीर में पानी की कमी या असुरक्षित यौन संबंध बनाने आदि कारणों के चलते खासकर महिलाओं में यूटीआई की समस्या अधिक देखने को मिलती है। वहीं, वैसे तो इस तरह की परेशानी से निजात पाने के लिए तमाम तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन दवाओं से अलग कुछ खास चीजों का सेवन भी इन समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। इन्हीं खास चीजों में से एक है धनिया के बीज।

कैसे हैं असरदार?

मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान लाइफस्टाइल एज्युकेटर अंजलि मुखर्जी बताती हैं, अगर आप पेशाब में जलन, दर्द, पेशाब टपकना, बार-बार यूरिन आने जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो ऐसे में धनिया के बीजों का पीना पीने से आपको काफी हद तक आराम मिल सकता है। इसके लिए एक चम्मच धनिया के बीजों को रातभर के लिए एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। ऐसा करने पर आपको 2 से 3 दिन के अंदर आराम मिल सकता है।

इससे अलग वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स मीरा रोड के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. आशुतोष बघेल ने भी सहमति जताते हुए कहा, ‘धनिया के बीज का पानी एक प्राकृतिक सुपरहीरो की तरह है जो मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) से लड़ने में मदद कर सकता है।

डॉ. बघेल के मुताबिक, ‘धनिया के बीजों में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ सकते हैं। साथ ही इन छोटे बीजों में ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं, जो सूजन को कम कर सकते हैं। दरअसल, यूटीआई होने पर मूत्र पथ में जलन के साथ-साथ सूजन की समस्या भी बढ़ जाती है, ऐसे में धनिया के बीजों का पानी पीने से आप आरामदायक महसूस करते हैं। इसके अतिरिक्त, धनिया के बीजों में ‘फ्लशिंग’ प्रभाव भी होता है, ये आपके मूत्र प्रणाली के लिए एक सौम्य क्लीनर की तरह काम करते हुए टॉक्सिन और वेस्ट से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं, जो यूटीआई से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है।’

डॉ. बघेल से अलग मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर नई दिल्ली की चिकित्सा निदेशक और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता भी बताती हैं, ‘धनिया के बीज बैक्टीरिया के प्रसार के लिए कम अनुकूल वातावरण बनाते हैं, जिससे यूटीआई की रोकथाम या उपचार में मदद मिलती है।’

हालांकि, तमाम फायदों के बावजूद तीनों एक्सपर्ट्स डॉक्टर से सलाह लेने को भी जरूरी बताते हैं। डॉ. शोभा गुप्ता के मुताबिक, ‘धनिये के बीज का पानी कुछ राहत दे सकता है, लेकिन यह उचित चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। आप पेशाब से जुड़ी परेशानी होने पर इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन यूटीआई का संदेह होने पर सही सलाह और उपचार के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना भी महत्वपूर्ण है।’

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।